भषण

उभरती विश्व व्यवस्था में भरत से अपेक्षाएं

भरत में ब्रिटिश उच्चायुक्त सर जेम्स बेवन द्वारा 18 सितंबर 2014 को नेशनल डिफेंस कॉलेज, दिल्ली में प्रस्तुत अभिभषण ।

यह 2010 to 2015 Conservative and Liberal Democrat coalition government के तहत प्रकाशित किया गया था
Sir James Bevan

परिचय

[जनरल घई, एनडीसी फैकल्टी के सदस्य, सम्मानित कोर्स सदस्य, मित्रो और सहयोगियो]

पिछले साल मुझे इस विशिष्ट संस्थान को संबोधित करने का अवसर मिला था। इस वर्ष पुनः अपने आमंत्रित होने पर अत्यंत प्रसन्नता का अनुभव कर रहा हूं। मुझे इस बात की भी खुशी है कि कोर्स के सदस्यों ने कुछ महीने पहले ब्रिटेन की सफल यात्रा की: हमें आपका स्वागत करते हुए बहुत खुशी हुई।

डब्ल्यूडब्ल्यू1(प्रथम विश्वयुद्ध)

आज मैं भविष्य के बारे में बात करूंगा। लेकिन मैं अपनी टिप्पणी अतीत के साथ आरंभ कर रहा हूं। यह वर्ष प्रथम विश्वयुद्ध के आरंभ का शताब्दी वर्ष है। इसलिए मैं उस संघर्ष में वीरतापूर्वक भाग लेने वाले सभी भरतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करने से शुरुआत करना चाहता हूं। प्रथम विश्वयुद्ध में दस लाख भरतीय सैनिक लड़े और 70,000 सैनिक शहीद हुए। इस वर्ष हम उनकी स्मृतियों के सम्मान में यादगार समारोहों की एक श्रृंखला आयोजित कर रहे हैं।

भरतीय थल सेना ने इस संघर्ष एक प्रमुख भूमिका निभाई थी। युद्ध के हर मोर्चे पर लड़ाई लड़ी। इसने पश्चिम यूरोप में भी युद्ध में भाग लिया, जैसे कि यप्रेस (बेल्जियम) और सोमे (फ्रांस) जैसे प्रसिद्ध युद्ध मोर्चों पर। इसने भूमध्यसागरीय क्षेत्रों और गैलिपोली के मोर्चे पर युद्ध किया। इसने मध्य पूर्व जिसमें मेसोपोटामिया (आज का इराक), फिलिस्तीन और स्वेज के मोर्चों पर जौहर दिखाया। और ये पूर्वी अफ्रीका के युद्ध क्षेत्र में भी तैनात रहे।

भरतीय नौसेना ने भी युद्ध में अपनी महती भूमिका निभाई और भरतीयों ने आर्मी फ्लाइंग कॉर्प्स में भी अपनी सेवा प्रस्तुत की। भरतीय सैनिकों ने असाधारण वीरता के साथ युद्ध में भाग लिया। बहुत से सैनिकों को उनके साहस और वीरता के लिए सैनिक सम्मान प्रदान किया गया जिसमें सर्वोच्च विक्टोरिया क्रॉस भी शामिल है।

इस साल, लड़ाई शुरू होने के एक सौ साल बाद ब्रिटिश सरकार की योजना है प्रथम विश्वयुद्ध में भाग लेने वाले सभी लोगों की स्मृतियों को सम्मानित करना। यह स्मरणोत्सव विश्वव्यापी होगा। यहां भरत में युनाइटेड सर्विस इंस्टीट्यूशन की सहभागिता में हमने विश्वयुद्ध में भाग लेने वाले लोगों की स्मृति का स्मरणोत्सव मनाने की योजना बनाई है।

इस शरद में मैं अपने आवास पर एक बड़ा आयोजन करूंगा जिसमें हम सभी देशों के प्रमुख हस्तियों, युद्ध में भाग लेने वाले भरतीय सैन्य सेवाओं के भूतपूर्व एवं वर्तमान प्रतिनिधियों और उनके परिवारजनों को आमंत्रित करेंगे।

युद्ध में विक्टोरिया क्रॉस पाने वाले छह भरतीय सैनिकों को हम उनके गृह नगर में स्मारकीय पट्टिकाएं भेजकर सम्मानित करेंगे। युद्ध पर हम एक किताब प्रकाशित करेंगे और उन भरतीय परिवारों के लिए फ्रांस और बेल्जियम के युद्ध क्षेत्रों पर एक निर्देशपुस्तिका प्रकाशित करेंगे जो उन स्थलों का भ्रमण करना चाहेंगे जहां उनके दादा ने लड़ाई लड़ी थी। और हम उन भरतीय रेजीमेंट की युद्ध डायरियों का डिजिटल संस्करण प्रस्तुत करेंगे जो उन रेजीमेंट के मौजूदा कमांडर तक लड़े थे। मैं एनडीसी- कमांड, फैकल्टी और कोर्स के सदस्य- सभी लोगों को अपने आवास पर आमंत्रित करने में गर्व महसूस करूंगा। उम्मीद है आपसे वहीं भेंट होगी।

किस प्रकार की विश्व-व्यवस्था?

अब मुझे अतीत से निकलकर भविष्य में जाने दीजिए। आज मैं इसका अनुमान लगाने जा रहा हूं। ऐसा करने वाले को बहुत विनम्र होना चाहिए। इतिहास ऐसे लोगों से भरा है जो भविष्य के बारे में अपने अनुमानों में बुरी तरह असफल हुए थे।

1876 में, अमेरिकी टेलीग्राफ कंपनी वेस्टर्न यूनियन ने एक आंतरिक मेमो में कहा था:

इस 바카라 사이트टेलीफोन바카라 사이트 में इतनी सारी कमियां हैं कि इसे संचार का माध्यम बनाने के बारे में गंभीरता से सोचा नहीं जा सकता।

1895 में ब्रिटेन के विख्यात वैज्ञानिक लॉर्ड केल्विन ने रॉयल सोसाइटी से कहा था:

हवा से भारी किसी भी मशीन का हवा में उड़ पाना असंभव है।

1927 में, जब फिल्में मूक होती थीं लेकिन उनमें ध्वनि शामिल करने की तकनीक विकसित हो चुकी थी, तब अमेरिकी फिल्म कंपनी वार्नर ब्रदर्स के हाल वार्नर ने कहा था:

कौन चाहता है कि एक्टर बोलें?

1949 में, अमेरिकी पत्रिका पॉप्युलर मेकैनिक्स ने बड़े विश्वास के साथ अपने पाठकों से कहा:

भविष्य के कंप्यूटर 1.5 टन से अधिक वजनी होंगे।

और 1977 में, अमेरिकी कंप्यूटर कंपनी डिजिटल इक्विपमेंट कंपनी के अध्यक्ष केन ओल्सन ने कहा:

इस बात का कोई कारण ही नहीं कि कोई कंप्यूटर को घर में रखना चाहे।

2006 में मैंने एक साल हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में बिताया। भविष्य के बारे अतीत के लोगों द्वारा किए गए असफल अनुमानों के बावजूद मैंने 2020 की दुनिया के बारे में पूर्वानुमान आधारित एक पर्चा तैयार किया। आज हम उस दुनिया से केवल छह साल की दूरी पर हैं। इसलिए अपना यह अभिभषण तैयार करने से पहले मैंने अपने उस पर्चे को दुबारा देखा। मैंने सोचा मुझे आपसे यह बताना चाहिए कि मेरे कौन से अनुमान सही और कौन से गलत निकले।

कुछ बातें मेरी सही निकलीं। 2006 में मैंने अनुमान किया था कि

  • अमेरिका अकेला हाइपर-महाशक्ति होगा। यह है। अमेरिका अकेला महाशक्ति है जो दुनिया भर में अपनी ताकत का उपयोग करना चाहता है और इसमें वह सक्षम है। अमेरिकी 바카라 사이트सॉफ्ट पावर바카라 사이트 अत्यंत विशाल है।

  • चीन और भरत महाशक्ति के रूप में उभरेंगे, और यह कि सापेक्ष रूप से एशिया की ताकत बढ़ेगी और पश्चिम की ताकत कम होगी। यह हो रहा है।

  • अधिकतर युद्ध देशों के बीच नहीं बल्कि देशों के अंदर लड़े जाएंगे या आतंकवदी और राज्यों के बीच असंगत संघर्ष होंगे। इस क्षेत्र सहित दुनिया के कई अन्य हिस्सों में आज यही स्थिति है।

  • सबसे बड़ा खतरा इस्लामी आतंकियों और नाभिकीय हथियारों से रहेगा। इस्लामी खतरा पिछले कुछ सालों में निश्चित रूप से बढ़ा है।

शुक्र है कि नाभिकीय हथियारों का इस्तेमाल नहीं किया गया। लेकिन खतरा तो बरकरार है। सभी खतरों में सबसे बड़ा होगा आतंकियों द्वारा नाभिकीय अथवा सामूहिक विनाश के हथियारों पर कब्जा।

लेकिन मुझे यह भी स्वीकारना होगा कि आठ साल पहले किए गए मेरे अनुमानों में कुछ बातें गलत साबित हुईं:

  • ऊर्जा सुरक्षा: मैं सोचता था कि 2020 में दुनिया तेल और गैस पर अधिक निर्भर होगी और इसे पाने का स्रोत होगा मध्य पूर्व जिसके स्पष्ट रूप से कई रणनैतिक परिणाम होंगे। यह गलत साबित हो सकता है। पश्चिमी जगत को अपने आस-पास ही तेल और गैस के दूसरे स्रोत मिल रहे हैं जिनमें शामिल हैं फ्रैकिंग और शेल के जरिए, जिससे मध्य पूर्व के ऊपर तेल के लिए दुनिया की निर्भरता कम हो रही है। और चूंकि नवीकरणीय ऊर्जा की लागत में कमी आ रही है और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव बढ़ रहे हैं हम विश्व स्तर पर यह प्रयास करने में लगे हैं कि हाइड्रोकार्बन पर निर्भरता में कमी आए। इससे कई सारे रणनैतिक निष्कर्षों में परिवर्तन हो सकेगा।

  • यूरोप: मैं यह पूर्वानुमान करने में असफल रहा कि यूरोप में संघर्षों का दौर वापस आ सकता है। यूक्रेन की घटनाओं ने हमें दिखाया कि दुनिया का कोई भी हिस्सा सुरक्षित नहीं है।

  • वैश्वीकरण: 2006 में मैं 2008 के उस बाजार संकट का अनुमान कर पाने में असफल रहा जिसने दुनिया भर की अर्थव्यवस्थओं का भारी नुकसान किया। इसमें ब्रिटेन भी शामिल रहा, हालांकि मुझे यह कहते खुशी हो रही है कि ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था अब मजबूत संवृद्धि की ओर लौट रही है- सच तो यह है कि ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था जी8 देशों में सबसे तेज गति से विकास कर रही है।

मुझे लगता है मैंने एक और बात के अनुमान में गलती की जिसे आप चुनौती दे सकते हैं, वह है: कि हर बात के बावजूद आज की दुनिया, कुल मिलाकर, कई साल पहले की तुलना में जीने के लिए एक अधिक अच्छी जगह है।

पिछले दो दशकों में अरबों लोग गरीबी से ऊपर उठ पाए। जीवन प्रत्याशा बढ़ी। दुनिया में ज्यादातर लोगों के पास इस समय उनके माता-पिता की तुलना अधिक जीवन विकल्प मौजूद हैं। आज दुनिया में अधिक आजादी है, सर्वसत्तावादी राज्य कम हैं और दुनिया में लोकतंत्र अधिक जगहों पर मौजूद है। महिला सशक्त हो रही हैं। इंटरनेट ने ज्ञान को हर किसी की पहुंच में ला दिया है।

इसलिए पूर्वानुमान करने का प्रयास करने वालों को मेरी सबसे अच्छी सलाह यह होगी: ऐसा न करें। और यदि आप भविष्य का पूर्वानुमान करना ही चाहें तो कहने के लिए सबसे सुरक्षित बात यह है कि दुनिया अस्थिर और अनिश्चित रहेगी; और यह कि आने वाले दिनों में दुनिया में शायद कम व्यवस्था रहे।

किस तरह का भरत?

अगर हम अगले कुछ वर्षों की कमजोर विश्व व्यवस्था पर विचार करें, जो एक बुरी खबर है, तो मेरा विश्वास है कि हम एक मजबूत भरत भी देखेंगे, और यह बेहद अच्छी खबर है।

मैं सोचता हूं कि हम आने वाले वर्षों में एक पहले से मजबूत भरत देखेंगे, जिसके दो कारण हैं।

  • पहला, क्योंकि भरत के पास खूबियों का एक संयोजन मौजूद है, जो अन्य देशों के पास नहीं: प्रतिभा, महत्वाकांक्षा, स्तरीयता, सकारात्मकता, विविधता में एकता, शिक्षा के प्रति एक गहन प्रतिबद्धता, आईटी, औषध तथा वैज्ञानिक शोध जैसे क्षेत्रों में विश्व स्तर की उत्कृष्टता, एक विस्तृत रूप से बढ़ता हुआ मध्यवर्ग तथा एक जीवंत लोकतंत्र।

  • दूसरा, प्रधानमंत्री मोदी ने भरत की प्रगति के लिए एक अप्रतिरोध्य दृष्टिकोण निश्चित किया है, और उनकी सरकार को ऐसा करने का प्रबल जनादेश मिला है। उन्हें हमारा भी पूर्ण समर्थन मिलेगा।

इस विश्व व्यवस्था में भरत से हमारी क्या अपेक्षा है?

इस अस्थिर और अप्रत्याशित विश्व में भरत कैसी भूमिका निभाएगा? मैं भरत को आनेवाले वर्षों में तीन विषयों पर केंद्रित देखना चाहता हूं।

पहला, इसके अपने क्षेत्र में स्थिरता पर। आनेवाले वर्षों में भरत का रूपांतरण इसका रणनैतिक लक्ष्य होगा: आधुनिकीकरण तथा समन्वित विकास के माध्यम से स्वयं को 21 वीं सदी की सफल शक्ति में बदलना। ऐसा करते हुए भरत को अपनी सीमाओं पर शांति और क्षेत्र में स्थिरता की आवश्यकता है, इसके बिना यह अपने घरेलू विकास पर ध्यान नहीं दे सकता।

यही वजह है कि हम यहां दिल्ली में नई सरकार को अपने पड़ोसियों के साथ सक्रियता से अच्छे संबंध बनाते हुए देख रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा सभी सार्क नेताओं को अपनी सरकार की शुरुआत पर आमंत्रित करने से उनके इरादों का स्पष्ट संकेत गया, और इसे दुनिया भर में सराहा गया। भरत के बाहर का उनका पहला द्विपक्षीय दौरा- भूटान और नेपाल का- से इस क्षेत्र को महत्व देने के उनके और उनकी सरकार के दृष्टिकोण को रेखांकित किया गया। और ऐसा ही विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के अफगनिस्तन, बांग्लादेश तथा अन्य निकट पड़ोसी देशों की यात्रा से भी जाहिर हुआ।

दूसरा, क्षेत्र से परे, मेरा खयाल है कि हम भरत को वैश्विक निवेशकों के साथ साझेदारी करते हुए देखेंगे, जो भरत के रूपांतरण में मदद कर सकें: अमेरिका के साथ, जहां की प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा निकट भविष्य में प्रस्तावित है; चीन के साथ, जिसके नेता इस सप्ताह भरत में थे; जापान के साथ, जहां प्रधानमंत्री मोदी का हाल ही में एक सफल दौरा संपन्न हुआ है।

उन देशों की सूची में, जो भरत को बदलने के प्रधानमंत्री मोदी के लक्ष्य में सहायता के लिए सक्षम और उत्सुक हैं, मैं अपने देश को भी शामिल करना चाहूंगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट किया है कि वे संवृद्धि को बढ़ावा देने के लिए निवेश चाहते हैं: ब्रिटेन कुछ मानकों पर भरत में अकेला सबसे बड़ा निवेशक है। प्रधानमंत्री मोदी रोजगार को बढ़ावा देने के लिए व्यापार चाहते हैं: ब्रिटेन और भरत का व्यापार गत वर्ष 16 अरब पौंड से ज्यादा रहा, और बढ़ता हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी अपनी महत्वाकांक्षी योजनाओं के वित्तपोषण के लिए पूंजी चाहते हैं: इन्हें जुटाने की सबसे उपयुक्त जगह लंदन शहर है। वे भरत के मूलभूत ढांचे का आधुनिकीकरण करना चाहते हैं, उन्हें इसके लिए विशेषज्ञता और वित्तीय सहायता की आवश्यकता होगी: जिसमें ब्रिटेन सहायक हो सकता है। वे दुनिया को अपने आह्वान 바카라 사이트भरत में बनाएं바카라 사이트 के साथ, भरत में विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देना चाहते हैं: ब्रिटेन के पास दुनिया की कुछ आधुनिकतम विनिर्माण इकाइयां हैं और हम इन्हें भरत के साथ साझा करने को तैयार हैं।

अर्थव्यवस्था में परिवर्तन लाने के लिए, प्रधानमंत्री मोदी को 50 करोड़ युवा भरतीयों को सही शिक्षा और दक्षता प्रदान करने की जरूरत है: ब्रिटेन की शिक्षा विश्व में बेहतरीन है और हम सहायता के लिए तैयार हैं। और प्रधानमंत्री मोदी गंगा को स्वच्छ बनाना चाहते हैं, राजनैतिक, धार्मिक, पारिस्थितिक तथा आर्थिक महत्व की एक विस्तृत परियोजना: ब्रिटेन, टेम्स नदी की सफलतापूर्वक सफाई के अपने अनुभवों को साझा करते हुए, इसमें भी मदद कर सकता है।

और तीसरी चीज है, मैं भरत को आने वाले वर्षों में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर काम करते हुए देखने की अपेक्षा रखता हूं, जो मेरा देश भी कर रहा है- हमारे साझा हितों को बढ़ावा देते हुए तथा सबों के लिए इस विश्व को एक बेहतर स्थान बनाते हुए शेष अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ कार्रवाइयों में सहयोग करना। हम ब्रिटिश यह सोचते हैं कि भरत विश्व मंच का एक जिम्मेदार कर्ता है और होगा- अच्छाई, स्थिरता तथा संपन्नता के लिए एक शक्ति। यही वजह है कि संयुक्त राष्ट्र की स्थायी सदस्यता के लिए भरत को मेरी सरकार का मजबूत समर्थन है और हमेशा रहेगा।

इस दुनिया को बेहतर बनाने के लिए ब्रिटेन और भरत साथ मिलकर कैसे काम करें?

मेरा यकीन है कि ऐसे कई मामले हैं, जिनपर आने वाले वर्षों में ब्रिटेन और भरत साथ मिलकर इस दुनिया को और ज्यादा बेहतर, सुरक्षित और खुशहाल बनाने के लिए काम कर सकते हैं। मैं इसके कुछ उदाहरण देता हूं।

अफगनिस्तन

चलिए, घर के पास से शुरुआत करते हैं, अफगनिस्तन से।

भरत और ब्रिटेन, दोनों के लिए अफगनिस्तन बहुत मायने रखता है। यह हमारी सुरक्षा के लिए प्राथमिक और महत्वपूर्ण मसला है। ऐसा अफगनिस्तन जो फिर से एक बार आतंकियों के सुरक्षित स्वर्ग में बदल जाए, ब्रिटेन और भरत दोनों के लिए खतरनाक होगा। यह मसला रणनैतिक महत्व का है, क्योंकि एक अस्थिर अफगनिस्तन इस समूचे क्षेत्र और इस क्षेत्र में स्थित ब्रिटेन के मित्रों, जिसमें भरत भी शामिल है, के लिए एक खतरा होगा।

और ऐसा इसलिए- एक बात जो मैं आपको आज बताना चाहता हूं- ब्रिटेन 2014 के बाद अफगनिस्तन नहीं छोड़ रहा है। हमारे सुरक्षाबल जा रहे हैं; ज्यादातर जा चुके हैं। लेकिन हमारे या शेष अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के द्वारा छोड़ने के बाद का अफगनिस्तन भी महत्वपूर्ण है। इसलिए ब्रिटेन यहां निकट भविष्य में भी गहराई से जुड़ा रहेगा।

अफगनिस्तन को अपनी सुरक्षा में सहायता देना ही हमारी अपनी सुरक्षा को बचाने का सबसे बेहतर तरीका है। इसलिए ब्रिटेन, अफगान नेशनल आर्मी को प्रशिक्षण तथा वित्तीय सहायता द्वारा समर्थन प्रदान करने में सक्रिय भूमिका निभा रहा है। हम अफगनिस्तन के विकास को सहायता देना जारी रखेंगे: कम से कम 2017 तक ब्रिटेन विकास सहायता के रूप में प्रतिवर्ष 300 मिलियन डॉलर तक की सहायता उपलब्ध कराएगा। हम अफगनिस्तन के लोकतंत्र को समर्थन जारी रखेंगे: हम अफगान संस्थानों के निर्माण में सहायता कर रहे हैं, जिससे बढ़िया प्रशासन, कानून का शासन, उत्तरदायित्व तथा टिकाऊ स्थायित्व सुनिश्चित हो सके।

हमारा लक्ष्य एक मजबूत, शांतिपूर्ण, लोकतांत्रिक तथा खुशहाल अफगनिस्तन है। हमारा खयाल है कि हम इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

हमारा यह भी सोचना है कि भरत को एक केंद्रीय भूमिका निभानी है। अफगनिस्तन में भरत के महत्वपूर्ण हित हैं। भरत से निकटता और आकार के लिहाज से आने वाले वर्षों में यह इस देश में एक मुख्य भूमिका निभानेवाला है। अफगनिस्तन में भरत का जितना असर है, उतना अन्य देशों का नहीं। भरत पर अफगान लोग विश्वास करते हैं: मत-संग्रहों मं नियमित रूप से प्रदर्शित होता रहा है, कि अफगान लोग भरत को अन्य किसी भी देश से ज्यादा महत्व देते हैं।

भरत का 2 अरब डॉलर का सहायता कार्यक्रम अफगनिस्तन के विकास में एक बड़ी भूमिका अदा कर रहा है। तथा भरतीय कंपनियां यहां के सबसे बड़े निवेशकों में हैं: भरत की समृद्धि तथा अफगनिस्तन के साथ इसके घनिष्ठ व्यावसायिक संपर्क का तत्पर्य है कि भरत, आनेवाले वर्षों में इस देश की अर्थव्यवस्था के विकास और पोषण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

इसलिए अफगनिस्तन व्यापक रूप से ब्रिटेन और भरत दोनों के लिए महत्वपूर्ण है, और हम दोनों भी अफगनिस्तन के लिए महत्वपूर्ण हैं। इसी वजह से यह मेरा विश्वास है कि ब्रिटेन और भरत के लिए ऐसी संभावनाएं मौजूद हैं कि हम घनिष्ठ रूप से संयुक्त होकर अगले कुछ वर्षों तक सफल अफगनिस्तन के लिए उसे समर्थन दें, जैसा कि हम सब उसे देखना चाहते हैं।

आतंकवद

एक क्षेत्रीय चुनौती से निकल कर अब मुझे विश्वस्तर की चुनौती: आतंकवद पर कहने दीजिए।

बेशक, भरत और ब्रिटेन वर्तमान में जिस बड़ी चुनौती का सामना कर रहे हैं, वह वैश्विक आतंकवद है। उत्तरी अफ्रीका तथा साहेल से लेकर मध्य-पूर्व तक अस्थिरता का एक अर्धगोलाकार क्षेत्र मौजूद है। इराक और सीरिया में इसका विकास खास तौर पर खतरनाक है। और अतंकवाद अपने मूल देशों तक ही सीमित नहीं है। इसके हाथ लंबे हैं और यह हम सब के लिए खतरनाक है। भरत और ब्रिटेन दोनों ही अपने देश अपने ही इलाकों में इसके शिकार बन रहे हैं।

हम इन खतरों को नजरअंदाज कर इनसे नहीं निपट सकते। ब्रिटिश उच्चायुक्त सामान्य तौर पर लियॉन ट्रॉटस्की की उक्तियों को लागू नहीं करते। लेकिन ट्रॉटस्की ने एक बेहद स्मरणीय बात कही थी, जो कुछ इस तरह है: 바카라 사이트आप भले ही युद्ध में दिलचस्पी नहीं लेते, पर युद्ध आपमें दिलचस्पी लेता है바카라 사이트।

हमें आतंकी खतरों से सतर्क रहना चाहिए, पर इनसे चिंतित होने की आवश्यकता नहीं। अगर हम साथ मिलकर काम करें तो हम इनसे सफलतापूर्वक निपट सकते हैं।

इराक और सीरिया में इस्लामिक स्टेट या आईएसआईएल के उभार के प्रत्युत्तर का एक हिस्सा सैन्य कार्रवाई है। इनमें आईएसआईएल के साथ जमीन पर लड़ने वालों की मदद करना शामिल है, जैसा कि ब्रिटेन, अमेरिका तथा अन्य देश कुर्द तथा इराकी सुरक्षा बलों को हमारा समर्थन बढ़ाते हुए कर रहे हैं।

इस उत्तरदायित्व का एक अन्य अंग है, हमारी सुरक्षा एजेंसियों के बीच घनिष्ठ तालमेल, जिससे हमारी अपनी जमीनों पर तथा अन्य देशों में हमारे हितों के खिलाफ आतंकी गतिविधियों से सक्रियता से निपटा जा सके। भरत और ब्रिटेन इस क्षेत्र में पहले से साथ मिलकर काम कर रहे हैं। यह सहयोग अप्रत्यक्ष है, जिसके कारण स्पष्ट हैं। लेकिन इससे दुनिया भर में हमारे कई नागरिकों के जीवन की रक्षा हुई है।

लेकिन जब वैश्विक आतंकी खतरों के लिए एक मजबूत सुरक्षात्मक प्रतिक्रिया अनिवार्य हो जाए, तो हम केवल अपने सैन्य बलों और आतंक-निरोधी एजेंसियों पर निर्भर नहीं रह सकते। हमें अपने समाधान-प्रयासों में सभी उपायों का इस्तेमाल करना चाहिए- सैन्य, खुफिया, आर्थिक, राजनैतिक, कूटनैतिक।

आतंकी राजनैतिक अस्थिरता पर पनपते हैं। इसलिए हमें स्वतंत्र और खुले समुदायों के निर्माण में अनिवार्य रूप से निवेश करना होगा, जिनमें शामिल है: इराक में वास्तविक रूप से गठित सरकार बनाने की आवश्यकता, जो सभी इराकियों को एकजुट कर सके, और सीरिया में चल रहे संघर्ष का एक राजनैतिक समाधान तलाशने के प्रयासों को समर्थन देना। हमें इन दोनों देशों में भयानक मानवीय उत्पीड़न को खत्म करने के लिए भी जहां तक संभव हो, सभी प्रयास करने होंगे।

इन देशों और इस क्षेत्र में भरत के हित और प्रभाव मौजूद हैं। हम भरत के साथ मिलकर यहां आम लोगों के उत्पीड़न को कम करने के लिए, और ऐसी स्थितियां बनाने के लिए काम करना चाहते हैं, जिनमें आतंकवद ज्यादा दिनों तक फल-फूल न सके।

यूक्रेन

अब मुझे जरा यूरोप की ओर उन्मुख होने की अनुमति दें, खासकर यूक्रेन की ओर। मुझे मालूम है कि रूस के राजदूत महोदय ने अभी-अभी आपको इसके बारे में संबोधित किया है। मेरे मन में उनके लिए, और रूस तथा वहां के लोगों के प्रति बेहद सम्मान की भावना है। लेकिन एक ब्रिटेन निवासी के रूप में, यूक्रेन के बारे में हम भिन्न दृष्टिकोण रखते हैं, और मैं इसे आपके सामने जाहिर करना चाहता हूं, ताकि आप भी अपना दृष्टिकोण निश्चित कर सकें।

ब्रिटेन के विचार से, क्रीमिया का रूस में विलय अवैध है। हमारा यह भी मानना है कि यूक्रेन की धरती पर रूसी फौजों की कार्रवाई, यूक्रेन सरकार की इच्छा के खिलाफ संचालित हो रही है।

हमारे विचार से, यूक्रेन में रूस की कार्रवाई यूरोप की स्थिरता के लिए एक खतरा है। उन्होंने एक खतरनाक उदाहरण प्रस्तुत करने का डरावना काम भी किया है। संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता, कानून के शासन में आस्था, तथा हर राज्य द्वारा लोकतांत्रिक ढंग से अपने भविष्य के बारे में फैसला करने का अधिकार, वे सिद्धांत हैं, जिनसे ब्रिटेन तथा भरत दोनों ही घनिष्ठ रूप से जुड़े हैं तथा जिन्हें उच्च प्राथमिकता देते हैं। हमारा पूर्ण समर्थन यूक्रेन के प्रति होना चाहिए ताकि वह अपनी सीमाओं को सुरक्षित कर सके और अपने भविष्य का फैसला कर सके।

वैश्विक संवृद्धि/ डब्ल्यूटीओ

केवल सुरक्षा ही स्थायित्व की गारंटी नहीं है। इसके लिए आपको समृद्धि की भी आवश्यकता होती है। भरत और ब्रिटेन साथ मिलकर वैश्विक संवृद्धि तथा संपन्नता का वातावरण बनाने के लिए भी काम कर सकते हैं।

हम इसकी शुरुआत अपने दोनों देशों के बीच व्यापार तथा निवेश को और भी बढ़ावा देते हुए कर सकते हैं। ब्रिटेन/ भरत का गत वर्ष व्यापार 16 अरब पौंड से ज्यादा का रहा। ब्रिटिश कंपनियां भरत में सबसे बड़ी निवेशकों में हैं। और हर वर्ष भरतीय कंपनियां ब्रिटेन में संपूर्ण यूरोपीय संघ के निवेश से ज्यादा निवेश करती हैं। इन संबंधों से हमारे दोनों देशों में रोजगार, संवृद्धि तथा संपन्नता का सृजन हो रहा है। लेकिन हम इसे और भी बढ़ावा देने को कटिबद्ध हैं।

और हम अपनी घरेलू तथा वैश्विक संपन्नता को बढ़ावा देने के लिए, परस्पर देशों के बीच तथा विश्व बाजार में और भी खुलापन लाने के प्रयासों को समर्थन दे सकते हैं, तथा विश्व के देशों के बीच व्यापार प्रक्रिया को सरल बना सकते हैं।

यह उस व्यापार सुविधा समझौते मूलाधार है जिन्हें विश्व व्यापार संगठन के 160 देशों ने स्वीकार किया है। इससे लालफीताशाही तथा नौकरशाही के विलंब का समाधान होगा। विश्व बैंक का अनुमान है कि इससे विश्व के सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 5% की वृद्धि होगी। दुनिया का हर देश इससे लाभान्वित होगा, और इससे भरत जैसे विकासशील देश सबसे ज्यादा लाभान्वित होंगे। इसलिए अगर जेनेवा में इस सप्ताह वार्ताएं फिर से शुरू हों तो, हमें आशा है कि एक समझौता किया जा सकेगा, जिससे व्यापार सुविधा समझौते को लागू किया जा सकेगा।

ब्रिटेन एक वैश्विक सैन्य-शक्ति बना रहेगा

मैंने इन अनिश्चित वैश्विक परिस्थितियों में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कूटनीति, व्यापार तथा अन्य असैनिक तरीकों के बारे में काफी बातें कीं।

लेकिन अंतिम रूप से, हम ब्रिटेन तथा भरत के बीच सैन्य-सहयोग के लिए सैन्य अवसरों को न भूलें। भरत के पास दुनिया के कुछ सबसे बड़े तथा सर्वाधिक सक्षम सशस्त्र बल हैं। ब्रिटेन की फौज अपेक्षाकृत छोटी है, लेकिन हमें यकीन है कि हमारी क्षमताएं विश्वस्तर की हैं और हमारा इरादा उन्हें ऐसा बनाए रखना है।

ब्रिटेन दुनिया का एक सबसे श्रेष्ठ तथा विविधतापूर्ण सशस्त्र सैन्य बल बनाए रखने को कटिबद्ध है। हम दुनिया भर में सैन्य शक्ति का इस्तेमाल करने की अपनी क्षमता बनाए रखेंगे।

ब्रिटेन जमीन पर शक्तिशाली बना रहेगा। ब्रिटेन की थलसेना विशिष्ट और पूर्णतः सुसज्जित है। हम दुनिया भर में कहीं भी एक पूर्णतः सुसज्जित सैन्य बल ब्रिगेड तैनात करने वाले, तथा इसे निस्संदेह रूप से धारण करने वाले कुछ देशों में एक हैं और, बने रहेंगे। हमने अपनी सेना को अधिक गतिशील तथा लोचशील बनाने के लिए पुनर्गठित किया है। यह अब वर्तमान की चुनौतियों तथा भविष्य के खतरों का बेहतर तरीके से सामना करने के लिए, संघर्षों में सशक्त होने के लिए आवश्यक उपकरणों के साथ ज्यादा अनुकूलित है।

ब्रिटेन सागर में ताकतवर बना रहेगा। हमारी शाही नौसेना उन क्षमताओं को धारण करती है जो केवल विमानवाही पोत उपलब्ध करा सकते हैं- दुनियाभर में कहीं भी वायुसेना का इस्तेमाल करने की क्षमता, बिना जमीन पर किसी मित्र एयरबेस के। हम दुनिया के एक सबसे सक्षम आणविक ऊर्जा चालित हंटर-किलर पनडुब्बियों का बेड़ा हासिल कर रहे हैं। हम छः टाइप 45 डिस्ट्रॉयर पर निवेश कर रहे हैं तथा वर्तमान में नशीले पदार्थों की तस्करी, चोरी तथा आतंकवद का सामना करने के नए नौसैनिक कार्यों के लिए और ज्यादा आधुनिक युद्धपोतों का विकास कर रहे हैं।

तथा ब्रिटेन हवाई क्षेत्र में भी मजबूत बना रहेगा। 2020 तक- वह अवधि जिसकी मैंने हार्वर्ड में भविष्यवाणी करने का प्रयास किया था- शाही वायुसेना के पास दुनिया के दो सर्वश्रेष्ठ लड़ाकू जेट विमानों का आधार होगा: एक आधुनिकीकृत टाइफून/ यूरोफाइटर जो हवा से हवा में तथा हवा से जमीन पर के सैन्य अभियानों के लिए सक्षम है; तथा ज्वाइंट स्ट्राइक फाइटर्स, दुनिया के सबसे आधुनिक विविध भूमिकाओं वाले लड़ाकू जेट विमान। ब्रिटेन के फास्ट जेट बेड़े को, लड़ाकू तथा टोही दोनों भूमिकाओं में, विमानों को हवा से हवा में ईंधन प्रदान करने, तथा एक उन्नत रणनैतिक वायु परिवहन बेड़े के रूप में, मानवरहित विमानों की पूरक सहायता हासिल रहेगी।

हम अपने स्वतंत्र आणविक प्रतिरोध को बनाए रखने तथा उनके नवीकरण के लिए भी कटिबद्ध हैं- इस अनिश्चित दौर में यूनाइटेड किंगडम की वैल्पिक सुरक्षा नीति।

अतः ब्रिटेन भरत तथा अन्य मित्र देशों के लिए एक उपयुक्त सैन्य साझीदार बना रहेगा, जो आज यहां मौजूद हैं। हम अपने नागरिकों तथा अपने हितों की सुरक्षा के लिए आपके साथ मिलकर काम करते रहने की आशा करते हैं।

निषकर्ष

अब जरा मैं निष्कर्ष प्रस्तुत करूं:

  • भविष्य की विश्व-व्यवस्था का पूर्वानुमान करना जोखिम भरा काम है। यदि मैं सचमुच इस काम में माहिर होता तो मैं एक मामूली राजनयिक होने के स्थान पर एक अरबपति निवेशक होता।

  • लेकिन यह कहना उपयुक्त होगा कि अगले दो दशकों तक दुनिया की परिस्थितियां जटिल और अप्रत्याशित रहेंगी, और इसमें जितने अवसर पैदा होंगे उतने ही जोखिम भी उत्पन्न होंगे।

  • दुनिया के लिए भरत का महत्व लगातार बढ़ता जाएगा। स्थिरता, शांति और समृद्धि की शक्ति के रूप में यह सकारात्मक भूमिका निभाएगा।

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प्रकाशित 18 सितंबर 2014