डिजिटल ब्रिटेन, डिजिटल भरत, डिजिटल विश्व
यूके मिनिस्टर फॉर केबिनेट ऑफिस- माननीय फ्रैंसिस मॉडे एमपी द्वारा गुरुवार 12 सितम्बर 2013 को दिया गया भषण।

मुझे भरत और ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन में आकर खुशी है। मेरे मन में थिंक टैंक के प्रति काफी सम्मान है, जिनमें से एक की स्थापना मैंने ब्रिटेन में की थी और अभी-अभी इसकी 10वीं सालगिरह मनाई गई । और ओआरएफ खासकर अपनी नीति विकास में साक्ष्यों के इस्तेमाल में काफी प्रभावशाली और ओजपूर्ण है।
इस वर्ष के आरंभ में जब श्री डेविड कैमरून ने भरत की यात्रा की थी तो उन्होंने हमारे देशों के बीच एक विशेष रिश्ते विकसित करने और ब्रिटेन को आपके सहज सहयोगी बनाने की अपनी इच्छा जाहिर की थी।
इसलिए मुझे नई दिल्ली में खासकर ब्रिटेन-भरत के बीच के डिजिटल सहयोग के बारे में, जहां कि हम दोनों ही अग्रणी देश हैं, बात करने में हर्ष का अनुभव हो रहा है। सायबर सुरक्षा कठिन और परेशानियों भरी लग सकती है, पर सामाजिक और आर्थिक प्रगति के लिहाज से इंटरनेट ने कई फायदे दिए हैं। इंटरनेट के माध्यम से हम सभी निकट आ गए हैं।
बेंगलूरु के सॉफ्टवेयर डेवलपर्स एक क्लिक से मैंचेस्टर के किसी छोटे व्यवसायी को अपने उत्पाद बेच सकते हैं।
मुम्बई का एक परिवार स्काइप, फेसबुक तथा हैरतअंगेज सोशल मीडिया के जरिए एडिन्बर्ग में रह रहे अपने बेटे से या बेटी से संपर्क स्थापित कर सकता है।
और दिल्ली में स्थित क्रिकेट का एक प्रशंसक इंटरनेट पर लॉर्ड्स में भरत की बल्लेबाजी देख सकता है।
हमारे जैसे आकर्षक लोकतंत्र में हम देख सकते हैं कि एक खुले और स्थायी इंटरनेट में आर्थिक तथा सामाजिक विकास लाने की क्षमता होती है। हमारा प्रयास रहा है कि विकास की संभावना, दक्षता तथा रचनात्मकता को अधिक से अधिक बढ़ाया जाए और वहीं लोगों की सुरक्षा तथा समृद्धि से जुड़े खतरों को कम से कम किया जाए।
पर क्योंकि इंटरनेट को इसके खुलेपन द्वारा वर्णित किया जाता है, तो ऐसे में इस रणनीति के लिए मजबूत सहयोग की आवश्यकता है और खासकर हम भरत के साथ अपने रिश्ते को अहमियत देते हैं। आपके देश में छात्रों, उपक्रमियों तथा आविष्कारकों की बड़ी तादाद है, साथ ही आपकी अर्थव्यवस्था तेजी से विकास करने वाली है और आपके यहां एक मजबूत नवीन तकनीकी सेक्टर मौजूद है। और जल्द ही भरत दुनिया का सबसे ऑनलाइन जनसंख्या वाला देश बनने जा रहा है।
तो आज मैं यहां यह बताने के लिए उपस्थित हूं कि जहां कहीं भी अवसर है वहां ब्रिटेन व्यवसाय करने के लिए खुला है।
जहां कहीं भी हमारे पास विशेषज्ञता मौजूद है, हम उसे साझा करना चाहते हैं।
और जहां कहीं भी हमें अपनी क्षमता में सुधार लाने की जरूरत है, हम इसके लिए तैयार हैं।
डिजिटल विकास
हम ब्रिटेन को व्यवसाय के लिहाज से दुनिया का सबसे आसान और सबसे सुरक्षित देश बनाना चाहते हैं। इसलिए मुझे हर्ष है कि यूके में भरत द्वारा किए जाने वाले निवेश की मात्रा बढ़ती जा रही है। आज हम साथ मिलकर ऐरोस्पेस, आइसीटी तथा लाइफ साइंस जैसे क्षेत्रों में मजबूती से काम कर रहे हैं। बेंगलूरु स्थित इंफोसिस तथा विप्रो जैसी कंपनियां प्रमुख रोजगार प्रदाता हैं। रोल्टा, माइंडट्री कंसल्टिंग, माइक्रोलैंड, सस्कन, आइटीसी इंफोटेक तथा सिम्फनी सर्विसेज ब्रिटेन में भी मौजूद हैं, और ऐसी ही न जाने कितनी लंबी सूची होगी। और मैं इस यात्रा के दौरान इनमें से कइयों का दौरा करने के लिए उत्सुक हूं। ब्रिटेन के फर्म भरत स्थित आउटसोर्सिंग या भरत निर्मित सॉफ्टवेयर में निवेश करते जा रहे हैं।
हमारी अर्थव्यवस्थाएं इतनी गहराई से जुड़ी हैं कि इस क्षेत्र में अगले सहयोग को बढ़ावा देने के लिए हमारे एक जैसे हित हैं। ब्रिटेन-भरत द्वारा संयुक्त रूप से वित्तप्रदत्त सहयोग के तहत पिछले पांच सालों में £125 का निवेश किया जा चुका है, जिससे ब्रिटेन आज विज्ञान तथा अनुसंधान के क्षेत्रों में भरत का पसंदीदा सहयोगी बन चुका है।
और चूंकि एक बेहतरीन आइडिया लेने और उसे वैश्विक परिदृश्य में पहुंचाने में इंटरनेट की क्षमता के बारे में हमें पता है, हमारा टेक्नोलॉजी स्ट्रेटजी बोर्ड उच्च तकनीकी क्षेत्रों में £1 बिलियन से अधिक का निवेश कर रहा है। यह धन उच्च मूल्य वाले विनिर्माण से लेकर कोशिका थेरॉपी और उपग्रह अनुप्रयोगों व नेटवर्कयुक्त परिवहन प्रणालियों जैसी नई और आने वाली प्रोद्यौगिकियों के व्यवसायीकरण में सहायता देगा।
कैम्ब्रिज तथा लंदन की टेक सिटी नवीन तथा रचनात्मक स्टार्ट-अप कंपनियों के लिए पहले से ही अनुकूल स्थान रहे हैं। वे यहां इसलिए विकास करते हैं क्योंकि यहां सरकार की ओर से काफी सहायता प्रदान की जाती है, यहां गुणवत्तापूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर की उपलब्धता है, इंटरनेट तथा ब्रॉडबैंड की बेहतरीन कनेक्टिविटी है। जैसी कि हमारी पृष्ठभूमि रही है, यूके ऐसी सरकारों तथा संगठनों के साथ काम करने के लिए अनुकूल स्थान है जो यहां ऐसे ही केंद्र स्थापित करने को इच्छुक हैं।
डिजिटल सरकार
मगर इंटरनेट की क्षमता आर्थिक विकास से कहीं बढ़कर है।
इसमें नागरिकों तथा सरकार के बीच के रिश्तों में विकास करने तथा बेहतरी के लिए सरकार को बदलने की शक्ति निहित है।
पहली नजर में भरत तथा ब्रिटेन की जनांकिकी काफी अलग-अलग है; आपके पास जहां युवाओं की फौज है, हमारे यहां की अधेड़ जनसंख्या है। पर दोनों की चुनौतियां समान हैं: यानी बुनियादी ढांचे पर दबाव, सार्वजनिक सेवाओं की बढ़ती मांग, बड़ी वित्तीय बाधाएं। आपकी तरह ही हम भी चीजों को करने के नए तरीकों की तलाश में रहते हैं।
हमने प्रमुख सेवाओं को बगैर प्रभावित किए सरकारी विभागों द्वारा उल्लेखनीय बचत हासिल करने के लिए एफिशिएंसी एंड रिफॉर्म ग्रुप की स्थापना की है, यानी इसका लक्ष्य है कम से कम खर्च में अधिक से अधिक सेवाओं की आपूर्ति।
पिछले वित्तीय वर्ष में इस नीति के तहत कॉन्ट्रैक्ट के मोलभाव, परियोजना में कमी कर, अधिग्रहण में सुधार लाकर दक्षता बचत में £10बिलियन का इजाफा हुआ। हालांकि इससे नुकसान नहीं हुआ और जहां तक सार्वजनिक सेवाओं में सुधार ही हुआ।
पर वर्ष 2015 तक हर वर्ष £20 बिलियन की बचत के अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए हमें इस मानसिकता को सार्वजनिक क्षेत्र के डीएनए में लागू करने की जरूरत है।
इसलिए समानांतर रूप से हमारा डिजिटल कौशलों, परियोजना प्रबंधन तथा वाणिज्यिक जागरुकता के साथ विकसित हो रहा है, जिसकी अतीत में प्रायः कमी देखी गई थी।
इन लक्ष्यों को बढ़ावा देने के लिए हमने यूके सरकार के कामों को 21वीं सदी में ले जाने की प्राथमिकता रखी है।
इंटरनेट के विकास का श्रेय मुख्यतः इसके निजी क्षेत्र की कंपनियों को जाता है, यानी ऐसे आविष्कारकों तथा उपक्रमियों को जिन्होंने तेज रफ्तार के साथ काम किया और जोखिम उठाने से पीछे नहीं हटे ।
दूसरी ओर सरकार प्रायः देर से हरकत करने वाली रही है। इसके बावजूद इसकी नीति गतिशील रही।
उदाहरण के लिए ब्रिटिश सरकार के पास लगभग 650 अलग-अलग ट्रांजैक्शनल सेवाएं हैं, जिनके तहत व्यवसायों तथा नागरिकों को हर वर्ष लगभग एक अरब ट्रांजैक्शन की आपूर्ति की जाती है
और तब भी उनमें से आधे से सभी को डिजिटल विकल्प उपलब्ध नहीं हो सका। वे प्रयोक्ता की बजाए प्रदाता की जरूरत के अनुरूप डिजाइन किए गए थे।
इसलिए यूके गवर्नमेंट डिजिटल स्ट्रेटजी हमें हर चीज में डिजिटल बनाने के लिए एक योजना का आरंभ किया है।
ठीक ऐसे ही जैसे कर्नाटक में 20 मिलियन कम्प्यूटरीकृत भूमि स्वामित्व के रिकॉर्ड दर्ज हैं। या आंध्रप्रदेश की तरह जहां नागरिक ऑनलाइन टैक्स रिटर्न भर सकते हैं और पासपोर्ट के लिए ऑनलाइन आवेदन करते हैं।
उदाहरण के लिए हमने 650 ट्रांजैक्शनों में 25 के साथ शुरुआत की है, पर वर्ष 2018 तक हम सभी सरकारी सेवाओं में हर वर्ष ऑनलाइन तरीकों के 100,000 ट्रांजैक्शनों से अधिक की उम्मीद करते हैं।
हमने पुरस्कार प्राप्त 바카라 사이트 का आरंभ किया है, जिसने कई सारी सरकारी वेबसाइटों को हटा कर उनके स्थान पर सभी सरकारी सूचनाओं और सेवाओं के लिए एक नया, सिंगल डोमेन स्थापित की है।
प्रयोक्ताओं के लिए यह अधिक सरल, स्पष्ट तथा तीव्र है और इसके जरिए हर साल प्रक्रियागत खर्च के 70% की बचत होती है।
हम न केवल सरकार के डिजिटल स्वरूप को निर्मित कर रहे हैं, बल्कि हम प्रयोक्ताओं की आवश्यकताओं के आधार पर एक डिजिटल सरकार का भी निर्माण कर रहे हैं।
और हमारे बदलावों का मूल एक खुले मानदंड के प्रति प्रतिबद्धता है, यानी एक प्रतिबद्धता जो हम भरत के साथ साझा करते हैं।
हमारी दोनों सरकारों को पता है कि डिजिटल सार्वजनिक सेवाएं दुनिया को मात देने वाली सॉफ्टवेयर तथा सेवा व्यवसायों को जन्म दे सकती है।
खुले मानदंड- खुले स्रोत तथा सरकारी आइटी के स्वामित्व वाले सॉफ्तवेयर के लिए समान जमीन तैयार करते हैं, जिससे उनके बीच प्रतियोगिता बढ़ती है, लाइसेंसिंग लागत कम होती है और नवीनता को बढ़ावा मिलता है।
करदाताओं के लिए सर्वोत्तम सौदा पाने के क्रम में हम उस तरीके को भी बदल रहे हैं जिसमें हम तकनीकी खरीदते और उसे चलाते हैं।
अतीत में सार्वजनिक क्षेत्र मुख्यतः जटिल आइटी परियोजनाओं पर आधारित थे और वे लगातार देर से और बजट से अधिक लागत पर आपूर्ति करते थे। उन्हें डिजाइन करने से पहले या ऐसी लंबी अवधि में जब आपूर्ति की गई तकनीकी पुरानी पड़ जाए, हम इसके लिए कार्यक्रम बना रहे हैं।
बुरी बात यह है कि यह एक बड़े आइटी सप्लायरों के छोटे समूह पर निर्भर है, जहां उस मार्केट में प्रायः एक ही बार अभेद्य करार कर लिए जाते हैं, जहां हर अठारह महीनों में होस्टिंग की लागत आधी हो जाती है।
हमने टेक एसएमई तथा डिजिटल स्टार्ट-अप्स को कीमत में पीछे छोड़ा है, जो हमारे आस-पास विकसित हो रहे थे, जो अनजाने में उन्हीं कंपनियों को निकाल रहे थे जिनके आविष्कारी कार्य से करदाताओं को बेहतर मूल्य प्राप्त करने में मदद मिलती।
हमें एक खुले बाजार की जरूरत है और इसे हासिल करने का एक तरीका है गवर्नमेंट क्लाउडस्टोर का निर्माण करना।
सरकार के लिए लगभग एक 바카라 사이트ई-बे바카라 사이트, जो सार्वजनिक क्षेत्र के संगठनों को स्टॉक वस्तुओं के रूप में आइटी सेवाओं की खरीद के लिए सक्षम बनाता है और वह भी अपनी महंगी बेस्पोक प्रणालियां विकसित करने की बजाए 바카라 사이트पे-ऐज-यू-गो바카라 사이트 आधार पर कार्य करता है।
जबतक कि छूट मानदंड पूरा नहीं किया जाता है, हमारी क्लाउडफर्स्ट नीति भविष्य की सभी होस्टिंग्स को क्लाउडस्टोर के जरिए पूरा करने की उम्मीद करती है।
आज की तारीख तक क्लाउडस्टोर के जरिए आइटी सेवाओं की सेल्स £37 मिलियन की रही है और इसका 60% छोटे तथा मध्यम आकार के उपक्रमों के जरिए रहा है।
यह एक उदाहरण है जो बताता है कि कैसे सार्वजनिक क्षेत्र के आविष्कारी कार्यों का इस्तेमाल निजी क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देने में किया जा सकता है।
आंकड़े 21वीं सदी के कच्चे माल हैं जैसे कि कोयला और लोहा औद्योगिक क्रांति के दौर के कच्चे माल रहे थे। सरकार के पास आइटी क्षेत्र को अधिक पारदर्शक बनाकर इसे बढ़ावा देने की शक्ति है।
हम बड़ी मात्रा में सरकारी सूचनाओं को प्रकाशित कर रहे है। ठीक-ठीक कहा जाए तो यह संख्या 10,000 डेटाबेस की है, ताकि उनका इस्तेमाल सामाजिक व वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए व्यवसायों तथा अन्य संगठनों द्वारा किया जा सके।
और हमने पाया है कि पारदर्शिता के कई सारे फायदे हैं।
रोगियों को अपने मेडिकल रिकॉर्ड ऑनलाइन प्राप्त करने में सक्षम बना कर सार्वजनिक सेवाओं में मानकों का निर्धारण होता है।
अत्यंत वरिष्ठ सिविल सर्वेंट्स के लिए वार्षिक भुगतान दर प्रकाशित करने से संस्थानों को मजबूती प्रदान करने तथा दायित्व निर्वाहन में मदद मिलती है।
यह एकदम सरल है कि पारदर्शिता से बेहतर सरकार बनती है। यही कारण है कि हम अपने ओपन गवर्नमेंट पार्टनरशिप की अध्यक्षता के जरिए अन्य देशों को मदद करने और पारदर्शिता के लाभों को साझा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। ओपन गवर्नमेंट पार्टनरशिप सरकारों तथा सिविल सोसाइटी संगठनों के बीच का एक बहु-राष्ट्रीय सहयोग है।
यह सरकारों को बेहतर, अधिक प्रभावी तथा अधिक उत्तरदाई बनाने का एक वैश्विक प्रयास है ।
इसकी शुरुआत के अठारह महीने में ही ओपन गवर्नमेंट पार्टनरशिप 60 देशों तक फैल चुका है।
भरत ने भी ओपन गवर्नमेंट के लिए बड़े प्रयास किए हैं और दुनिया के बड़े लोकतंत्र के रूप में बहुत सारी ऐसी चीजें हैं जो हम आपके अनुभवों से सीख सकते हैं।
मुझे उम्मीद है कि इस यात्रा में ऐसा करने का अवसर प्राप्त होगा।
साइबर सुरक्षा
पर लोगों को सरकारी सेवाओं में भरोसा जगाने के लिए उन्हें इस बात के लिए निश्चित करना होगा कि उनके डेटा सुरक्षित हैं। आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए इंटरनेट के उपभोक्ताओं को यह जानना जरूरी है कि उनके पैसे सुरक्षित हैं। यूके के नैशनल ऑडिट ऑफिस का अनुमान है कि सुरक्षा उल्लंघन के मामले से यूके की अर्थव्यवस्था में £18 से 27बिलियन लागत का इजाफा हुआ है।
यह ऐसी लागत है कि हम या कोई अन्य देश अब और अधिक भुगतान नहीं करना चाहेंगे।
साइबर अपराध के जरिए भरत में होने वाले नुकसान अभी तो कम हैं, पर इसमें कोई शक नहीं कि जैसे ही आपकी अर्थव्यवस्था और प्रगति करेगी, तकनीकी और आविष्कारी प्रयासों को शामिल करेगी इस नुकसान में भी इजाफा होगा।
ब्रिटेन में हमने एक नया नैशनल कम्प्यूटर एमर्जेंसी रेस्पॉन्स टीम- सीईआरटी-यूके की स्थापना की है, जिसका मकसद साइबर घटनाओं के राष्ट्रीय संयोजन में सुधार लाना और साइबर सुरक्षा पर तकनीकी सूचना के अंतर्राष्ट्रीय आदान-प्रदान को बढ़ावा देना है।
इस मामले में हम भरत से पीछे हैं, पर हमारे सीईआरटी के विकसित हो जाने पर सीईआरटी-इंडिया के साथ काम करने के लिए उत्सुक हैं। आखिर यह एक वैश्विक समस्या है, जिसके लिए वैश्विक प्रतिक्रिया की जरूरत है। जैसे लंदन ऑलम्पिक तथा पारालिम्पिक गेम्स का उदाहरण लें। इसे अपने डिजिटल ढांचे के लेकर कई चुनौतियां झेलनी पड़ीं- पर खेल के आयोजकों तथा व्यवसायियों और सुरक्षा सेवाओं ने एक साथ मिलकर हमारे नेटवर्कों की रक्षा की।
हमारी सफलता का एक कारण यह था कि हमने अन्य वैश्विक समारोहों- जैसे 2008 बीजिंग ऑल्म्पिक्स और वर्ष 2010 में नई दिल्ली में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स से सबक लिया था।
और इसके बदले में लंदन गेम्स के अधिकारी ब्राजील के अपने समकक्षों को परामर्श दे रहे हैं ताकि रियो समारोह भी सफल और उतना ही सुरक्षित रहे।
यह सहयोग का तरीका है: यानी सहयोग में विकसित अनुभवों को साझा किया गया, विशेषज्ञता, कौशलों तथा क्षमताओं का भंडार निर्मित किया गया।
ब्रिटेन को ऐसे पहले राष्ट्र होने का गर्व है जिसने भरत के साथ सायबर पर संयुक्त समझौते पर हस्ताक्षर किया। यह कार्य पिछले साल विदेश सचिव श्री विलियम हेग की भरत यात्रा के दौरान संपन्न किया गया था। यह एक साझे विजन के साथ निर्मित सहयोग को रेखांकित करता है, जो मूलतः एक सुरक्षित तथा भरोसेमंद तरीके में मौलिक स्वतंत्रता, निजता तथा सूचना के मुक्त प्रवाह पर निर्भर करता है।
हम इसे साकार करने के लिए कड़ी मेहनत करते रहे हैं, पर मेरा मानना है कि हम और निकट आ सकते हैं।
रिसर्च काउंसिल यूके तथा भरत सरकार क्लाउड सिक्योरिटी तथा क्रिप्टोग्राफी के क्षेत्र में ब्रिटेन तथा भरतीय अकादमिक अनुसंधानकर्ताओं के बीच सहयोग के लिए कार्य कर रहे हैं।
और आज मुझे नए चेवनिंग टीसीएस साइबर पॉलिसी स्कॉलरशिप की घोषणा करने में गर्व अनुभव हो रहा जिसका आयोजन टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के सौजन्य से किया जा रहा है।
इससे भरतीय मध्य-करियर पेशेवर को एलीट क्रेनफील्ड यूनिवर्सिटी, जो यूके के डिफेंस एकैडमी का एक हिस्सा है, में एक गहन पाठ्यक्रम लेने में मदद मिलेगी। इसके तहत सायबर सुरक्षा तथा सार्वजनिक नीति से संबंधित सभी क्षेत्रों को शामिल किया जाता है। ब्रिटेन के चार विश्वविद्यालय दुनिया के शीर्ष 10 तथा छह विश्वविद्यालय दुनिया के शीर्ष 20 में शुमार हैं। ब्रिटेन में शिक्षा में निवेश करना एक दीर्घकालिक रोजगार प्राप्ति क्षमता हासिल करना है। इसे इसी बात से समझा जा सकता है कि आखिर क्यों वर्तमान में 40,000 भरतीय छात्र ब्रिटेन में पढ़ रहे हैं।
हमारे कई विश्वविद्यालयों का भरत के उनके समकक्षों के साथ बेहतरीन रिश्ते हैं। मेरा मानना है कि इस तरीके से शिक्षा के जरिए जुड़ाव पैदा करना एक काफी प्रभावी तरीका है जिसके जरिए हमारे दोनों देश आपसी लाभ के लिए साथ आ सकते हैं।
वैश्विक गवर्नेंस
ज्यो-ज्यों सायबरस्पेस अंतर्राष्ट्रीय टकरावों में एक नए मुद्दे के रूप में उभर रहा है, हमें देशों के व्यवहार को संयत करने के लिए ठोस सिद्धांतों की जरूरत है।
सायबरस्पेस पर 2011 लंदन कॉन्फ्रेंस ने एक नए समझौते को चिह्नित किया, जिसे आरंभ कर हमें गर्व हो रहा है। पर इसे और आगे जाना है। पिछले साल बुडापेस्ट में लंदन की नकल की गई और अगले माह यह संवाद सियोल में जारी रहेगा। पर अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को लेकर ब्रिटेन के नजरिए का केंद्र सायबर सुरक्षा से कही आगे है, जिसमें यह समग्र सवाल शामिल है कि कैसे हम इंटरनेट के भविष्य को आकार दे सकें।
वर्ष 2005 में यूएन वर्ल्ड समिट ऑन द इंफॉर्मेशन सोसाइटी में जन्में ग्लोबल इंटरनेट गवर्नेंस फोरम ने उस अहम भूमिका की पहचान की जो निजी क्षेत्र ने इंटरनेट के विकास में निभाई है। इसने सुनिश्चित किया कि सरकार, कारोबार,सिविल सोसाइटी में से हरेक के हित में जो भी निर्णय लिया गया उन्हें ध्यान में रखा गया है।
यूएन कमिशन ऑन साइंस एंड टेक्नोलॉजी फॉर डेवलपमेंट के तहत एक कार्यकारी समूह अब सरकारों को इंटरनेट से जुड़े अंतर्राष्ट्रीय सार्वजनिक नीति के मुद्दों में उनकी भूमिकाएं तथा जिम्मेदारियां निभाने के लिए सक्षम बनाने हेतु वर्ल्ड समिट में सहमत जनादेश का अध्ययन कर रहा है।
हमने कार्यकारी समूह की स्थापना का समर्थ किया ताकि योजना तैयार की जा सके और यह समीक्षा की जा सके कि ऐसे सहयोग किस हद तक होता है। अहम चीज यह सुनिश्चित करना है कि हम उन खासियतों को नजरअंदाज नहीं करते जिन्होंने इंटरनेट को अबतक सफल बनाया। हम इस बात को पसंद नहीं करते कि इंटरनेट के प्रबंधन में सरकारों की भूमिका हो- क्योंकि हमें पता है कि सरकारें धीमी रफ्तार से काम करती हैं जबकि इंटरनेट लगातार और तेजी से बदल रहा है। इंटरनेट का विकास सरकार के बगैर हुआ, न कि इसके कारण। हम इसे पीछे नहीं करना चाहते।
हम वर्ल्ड समिट द्वारा समर्थित इंटरनेट गवर्नेंस के बहु-भागीदार के मॉडल को समर्थन देते रहेंगे। यह नजरिया आगे भी खुला, समग्र तथा परस्पर रूप में जारी रहना चाहिए।
निष्कर्ष
ब्रिटेन-भरत सहयोग मुख्यतः इस साझे विचार पर निर्भर करता है कि एक खुला इंटरनेट ही वह तरीका है जिसके जरिए सभी को सुरक्षा और समृद्धि प्रदान की जा सकती है।
साथ मिलकर हम व्यवसाय से व्यवसाय के साथ संबंधों के जरिए निम्नांकित तरीके सहयोग कर रहे हैं: * सार्वजनिक सेवा सहयोग के जरिए। * अकादमिक सहयोग के जरिए। * सायबर सुरक्षा पर सरकार से सरकार के बीच सहयोग के जरिए।
यह सहयोग आगे बढ़ता ही जाएगा, साथ ही इसपर खतरे और अवसर भी बढ़ते जाएंगे। अहम बात यह है कि हमारा सहयोग हमेशा के लिए बना रहेगा।