समाचार कथा

युनाइटेड किंगडम-भरत शिखर सम्मेलन 2015 का साझा बयान

भरतीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी तथा ब्रिटेन के प्रधानमंत्री श्री डेविड कैमरन के बीच नवम्बर 2015 में हुई मुलाकात के बीच एक साझा बयान।

यह 2015 to 2016 Cameron Conservative government के तहत प्रकाशित किया गया था
Foreign and Commonwealth Office

भरत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी तथा ब्रिटिश प्रधानमंत्री श्री डेविड कैमरन की 12 तथा 13 नवम्बर को लंदन में मुलाकात हुई। दोनों प्रधानमंत्रियों ने दोनों देशों के बीच बढ़ती मजबूती, तालमेल तथा रिश्ते की प्रगाढ़ता की सराहना की। उन्होंने इस बात पर जोर डाला कि यूके तथा भरत के बीच यह चिरस्थायी जुड़ाव दोनों देशों के लोगों की सुरक्षा तथा समृद्धि की रक्षा तथा बढ़ावा देने के लिए अहम भूमिका निभाता है। भरत का आर्थिक विकास तथा एक वैश्विक महाशक्ति के रूप में उभरना आर्थिक प्रगति तथा समावेशी विकास के इस रिश्ते को और भी मजबूत बनाता है तथा नियमों पर आधारित अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली को नवीनीकृत करता है, मजबूत बनाता है और वैश्विक खतरों से मुकाबला करता है।

दोनों प्रधानमंत्री ने एक 바카라 사이트विजन स्टेट्मेंट바카라 사이트जारी किया, जिसमें उन मौलिक सिद्धांतों की चर्चा की गई जिनपर यूके-भरत सहयोग टिका है और इस सहयोग को और प्रगाढ़ बनाने के लिए एक रोडमैप भी प्रस्तुत किया गया। उन्होंने इस सहयोग को और आगे बढ़ाने के लिए वर्ष में दो बार प्रधानमंत्री स्तर की वार्ता आयोजित करने पर सहमति जताई। उन्होंने रक्षा तथा अंतराष्ट्रीय सुरक्षा, पर नए सहयोग को लेकर भी सहमति जताई, जो सायबर सुरक्षा, आतंकवाद निरोधी तथा समुद्री सुरक्षा समेत रक्षा तथा सुरक्षा के सहयोग को और मजबूत बनाएगा।

इसके मद्देनजर कि जलवायु परिवर्तन से निपटना तथा सुरक्षित, सस्ती तथा धारणीय ऊर्जा आपूर्ति भरत तथा यूके की साझा रणनैतिक प्राथमिकताएं हैं, ऐसे में उन्होंने ऊर्जा तथा जलवायु परिवर्तन पर एक साझे बयान जारी करने के लिए भी सहमति जताई। दोनों प्रधानमंत्रियों ने 바카라 사이트स्टेट्मेंट ऑफ इंटेंट ऑन पार्टनरशिप फॉर को-ऑपरेशन इन थर्ड कंट्रीज바카라 사이트 के जरिए द्विपपक्षीय सहयोग को एक वैश्विक सहयोग के स्तर पर ले जाने के लिए भी सहमति जताई, जिससे एक संपूर्ण मांग आधारित तरीके से तीसरे पक्ष वाले देशों की विकास चुनौतियों से निपटने में मदद करने के लिए दोनों के लिए साथ मिलकर कार्य करना सुगम होगा और इस प्रकार तीसरे पक्ष को इसका लाभ मिलेगा

एक वैश्विक सहयोग

दोनों प्रधानमंत्रियों ने इस बात का जिक्र किया कि एक तेजी से जटिल बनते तथा आपस में गहराई से जुड़े विश्व में वैश्विक मुद्दों पर पहले से स्थापित सहयोग को और प्रगाढ़ बनाना समृद्धि तथा सुरक्षा को बनाए रखने तथा बढ़ावा देने में एक अहम भूमिका निभाएगा।

उन्होंने सहमति जताई कि यह समृद्धि तथा सुरक्षा अंतर्राष्ट्रीय नियम प्रणाली पर टिकी है जिसे व्यापक रूप से स्वीकृत किया गया है तथा निरंतर रूप से अपनाया गया है। वह अंतर्राष्ट्रीय ढांचा, जिसे 70 वर्ष पूर्व तैयार किया गया, उसने भी रूपांतरकारी विकास के लिए स्थान निर्मित करने में एक बहुमूल्य भूमिका निभाई है। चूंकि दुनिया बदल चुकी है, इसलिए यह नियमों पर आधारित अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली को खुद को नवीनीकृत करना चाहिए और नए तरीके से अनुकूलित होना चाहिए। प्रधानमंत्री श्री कैमरन ने इस बात पर जोर डाला कि यूके संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भरत के लिए स्थायी सदस्यता दिलाने तथा अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं में भरत की आवाज पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। दोनों प्रधानमंत्रियों ने G20 को दिए महत्व को समझा। वे अन्य G20 देशों के साथ एक-दूसरे के गहन सहयोग को लेकर सहमति जताई ताकि अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सहयोग के एक अग्रणी मंच के रूप में G20 की पूर्ण क्षमता को साकार किया जा सके और साथ ही G20 शिखर वार्ताओं में सफल नतीजे पाए जा सकें।

यूके तथा भरत संपूर्ण एशिया तथा हिंद महासागर में स्थिरता तथा समृद्धि के हितों को साझा करते हैं। भरत के रणनैतिक भौगोलिक अवस्थिति तथा दक्षिण एशिया क्षेत्र में इसके हितों को ध्यान में रखते हुए दोनों प्रधानमंत्रियों ने सुरक्षा, आतंकवाद, जुड़ाव तथा समुद्री मामलों पर आधारित एक वार्षिक आधिकारिक दक्षिण एशिया वार्ता की स्थापना के जरिए इन क्षेत्रों में मौजूदा द्विपक्षीय संबंधों तथा सहयोग को और प्रगाढ़ बनाने तथा उसका विस्तार करने का निर्णय लिया।

दोनों नेताओं ने आतंकवाद के हर स्वरूप तथा तरीके की आलोचना की तथा अपने संबद्ध अधिकारियों को यूएन के आतंकवाद निर्धारणों पर नियमित रूप से परामर्श प्रदान करने का निर्देश दिया। पाकिस्तान से उन्होंने मुम्बई में वर्ष 2008 में किए आतंकवादी हमले के दोषी को सजा देने की भी मांग की। दोनों प्रधानमंत्रियों ने नेपाल में एक दीर्घकालिक तथा एक समावेशी संवैधानिक स्थिरता लाने पर जोर डाला, जो बाकी जरूरी क्षेत्रों से निपटेगी तथा इस देश में राजनैतिक स्थिरता व आर्थिक विकास को बढ़ावा देगी। उन्होंने आशा जताई कि भूकम्प के बाद निर्माण कार्यों को गति देने के लिए नेपाल में नेशनल रिकन्सट्रक्शन ऑथोरिटी जल्द से जल्द काम करना आरंभ करे। उन्होंने यह उम्मीद भी जताई कि यूएन ह्युमैन राइट्स काउंसिल रिजॉल्यूशन के मद्देनजर श्रीलंका अब अपने लोगों को स्थायी शांति तथा समृद्धि प्रदान करने में सक्षम होगा और साथ ही उन्होंने यह उपलब्धि हासिल करने के लिए श्रीलंका सरकार को मदद प्रदान करने के प्रति अपनी-अपनी प्रतिबद्धता भी जताई। उन्होंने मालदीव्स में स्वतंत्र न्यायपालिका समेत एक स्थायी तथा समावेशी प्रजातंत्र लाने के महत्व पर जोर दिया। दोनों प्रधानमंत्रियों ने एक प्रभुत्वसंपन्न, प्रजातांत्रिक तथा एकीकृत अफगानिस्तान के स्थिर, सुरक्षित तथा सफल भविष्य के लिए अपनी साझी प्रतिबद्धता तथा सहायता पर जोर डाला। उन्होंने अफगानिस्तान में एक धारणीय तथा समावेशी राजनैतिक व्यवस्था पर बल डाला, जो सुनिश्चित करेगा कि पिछले दशकों में हासिल उपलब्धियां समेकित बनी रहे तथा इसे फिर वापस न किया जा सके।

दोनों प्रधानमंत्रियों ने सीरिया तथा इराक में समावेशी राजनैतिक व्यवस्थाओं की जरूरत पर जोर डाला और इन निर्मम संघर्षों के शिकार लोगों को और मदद प्रदान करने की अपनी प्रतिबद्धता पर बल दिया। उन्होंने दोनों देशों की प्राथमिकता के तौर पर पश्चिमी एशिया/मध्य पूर्व पर वरिष्ठ अधिकारियों के स्तर की एक वार्षिक वार्ता के आयोजन को जारी रखने की सहमति जताई।

दोनों प्रधानमंत्रियों ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर ऐतिहासिक समझौते का स्वागत किया और इसके सुगम तथा पूर्ण कार्यांवयन में अंतराष्ट्रीय समुदाय की प्रबल भागीदारी की सराहना की।

दोनों प्रधानमंत्रियों ने सहमति जताई की पूर्वी युक्रेन के संकट के समाधान का एकमात्र उपाय सभी पक्षों द्वारा मिंक्स के उपायों को सहमतिपूर्वक पूरी तरह से अपनाना है।

दोनों प्रधानमंत्रियों ने पोस्ट-डेवलपमेंट एजेंडा- 바카라 사이트ट्रांसफॉर्मिंग आवर वर्ल्ड: द 2030 एजेंडा फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट바카라 사이트 को अंगीकृत करने का स्वागत किया तथा इसके कार्यांवयन के लिए मदद करने के प्रति प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने माना कि नए 2030 एजेंडा तथा सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल गरीबी उन्मूलन पर केंद्रित है।

दोनों प्रधानमंत्रियों ने 2015 भरत-यूके सायबर डायलॉग में हुई प्रगति को लेकर संतोष जाहिर किया। उन्होंने इंटरनेट गवर्नेस की एक खुली, समावेशी, पारदर्शी तथा बहु-प्रतिभागी प्रणाली का समर्थन किया और संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा इंफॉर्मेशन सोसाइटी के विश्व शिखर सम्मेलन का स्वागत किया। उन्होंने सायबर सुरक्षा को बढ़ावा देने, साइबर अपरध से मुकाबला करने तथा जिम्मेदार राष्ट्र के व्यवहार के उन्नत ऐच्छिक नियमों तथा सायबरस्पेस में अंतर्राष्ट्रीय कानून के अनुप्रयोग के लिए साथ मिलकर काम करने की योजना बनाई।

उन्होंने अपने तकनीकी, कानूनी प्रवर्तन, सायबर आर एंड डी, सायबर सुरक्षा मानकों तथा परीक्षण व क्षमता निर्माण संस्थानों के बीच सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई। उन्होंने सायबर सुरक्षा के सभी आयामों को बढ़ावा देने के लिए पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप का भी समर्थन किया। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय सायबर सुरक्षा पर यूएन ग्रुप ऑफ गवर्नमेंटल एक्सपर्ट की 1015 रिपोर्ट का स्वागत किया और सायबरस्पेस में राष्ट्र के व्यवहार को निर्देशित करने वाले सिद्धांतों पर व्यापक सहमति बनाने की उम्मीद जताई। उन्होंने भविष्य में भरत तथा यूके की इन क्षेत्रों में प्रतिभागिता तथा सक्रिय सहयोग की आवश्यकता का भी उल्लेख किया।

दोनों प्रधानमंत्रियों ने कॉमनवेल्थ को प्रासंगिक बनाए रखने, इसकी क्षमता का इस्तेमाल करने तथा प्रबल मूल्य स्थापित करने, इसके सभी लोगों में विकास तथा समृद्धि पहुंचाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता पर जोर डाला।

दोनों प्रधानमंत्रियों ने पर्यावरण के संरक्षण तथा धारणीय विविधतापूर्ण पारितंत्रों के महत्व का उल्लेख किया तथा अवैध वन्यजीव व्यापार में अंतर्राष्ट्रीय अपरध नेटवर्क की वृद्धि को भी रेखांकित किया। उन्होंने अवैध वन्यजीव व्यापार से निजात पाने के लिए तथा कैद वाले तथा जंगली एशियाई हाथियों की सुरक्षा में सुधार करने के लिए साथ मिलकर कार्य करने का संकल्प जताया। भरत ने अवैध वन्यजीव व्यापार लंदन घोषणापत्र तथा कैसेन बयान का समर्थन किया।

आर्थिक विकास तथा वित्त

दोनों प्रधानमंत्रियों ने यूके तथा भरत के आर्थिक दृष्टिकोण को मजबूत करने का स्वागत किया तथा दोनों ने वैश्विक प्रगति में गिरावट तथा वैश्विक दृष्टिकोण को लेकर बढ़े हुए खतरों पर अपनी-अपनी चिंता जताई। उन्होंने प्रबल, धारणीय तथा संतुलित विकास की दिशा में निरंतर काम करने की सहमति जताई तथा लोगों के जीवन मानकों को ऊंचा उठाने के क्रम में संरचनात्मक सुधारों तथा विश्वसनीय वित्तीय नीतियां अपनाने के महत्व को लेकर भी अपनी सहमति जताई।

उन्होंने भरत तथा यूके के बीच आर्थिक सहयोग की मजबूती का स्वागत किया: भरत पहले से ही संयुक्त रूप से बाकी ईयू के सभी देशों से कहीं अधिक अकेला यूके में निवेश करता है तथा यूके भरत में निवेश करने वाला G20 का सबसे बड़ा देश है। द्विपक्षीय व्यापार तथा निवेश संबंधों को प्रगाढ़ बनाने समेत उन्होंने आर्थिक संबंधों को और मजबूत करने के प्रति प्रतिबद्धता जताई तथा सहमति जताई कि वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली तथा चांसलर ऑफ द एक्सचेकर, जॉर्ज ऑस्बॉर्न अपनी आगामी आर्थिक तथा वित्तीय वार्ता में इसे आगे ले जाएंगे।

यूके तथा भरत व्यापार व निवेश अवसरों को उल्लेखनीय रूप से बढ़ाने के लिए साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। दोनों सरकारों ने दोनों देशों में सूचना तकनीकी तथा डिजिटल उद्योगों तथा विकास तथा समृद्धि के एक अहम चालक के रूप में यूके तथा भरत के बीच के व्यापार संबंधों की मजबूती की दिशा में हासिल उनके योगदान के महत्व को भी रेखांकित किया। दोनों पक्षों ने इस क्षेत्र में वस्तुओं तथा सेवाओं के व्यापार को बढ़ाने तथा मजबूत करने की प्रतिबद्धता पर जोर डाला। दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं में कुशल श्रमिकों के बहुमूल्य योगदान को रेखांकित करते हुए वे लागू अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं के अनुरूप कुशल कर्मचारियों के अस्थायी आवगमन को सुगम बनाने के लिए सहमत हुए।

दोनों प्रधानमंत्रियों ने माना कि लंदन शहर रेलवे सेक्टर समेत भरत में बुनियादी ढांचों के प्रॉजेक्टों में निवेश करने के लिए एक अहम भूमिका निभा सकता है, जो एक दीर्घकालिक रणनैतिक सहयोग का आधारस्तंभ साबित होगा, जहां लंदन शहर भरत के निरंतर तीव्र विकास में पूंजी तथा अपनी विशेषज्ञताओं में मदद करेगा। इस संदर्भ में उन्होंने HDFC, भरती एयरटेल, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया तथा येस बैंक द्वारा लंदन शहर के जरिए वित्त उगाही करने की घोषणा का स्वागत किया, जो भरत के निजी सेक्टर के लिए उनके निवेश व विकास हेतु वित्त उगाही के भी अवसर खोलता है।

दोनों प्रधानमंत्रियों ने भरत के इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश प्रयास, नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर इंवेस्टमेंट फंड (एनआइआइएफ) पर भरत तथा यूके के बीच के दीर्घकालिक रणनैतिक सहयोग का स्वागत किया और एनआइआइएफ के एकछत्र के नीचे भरत-यूके सहयोग की स्थापना की भी घोषणा की। यह सहयोग लंदन शहर के जरिए वैश्विक निवेशकों को आमंत्रित करने में मदद करेगा जिससे भरतीय इंफ्रास्ट्रक्चर को एक धारणीय तरीके से वित्त प्रदान करने में मदद मिलेगी और भरत के तीव्र विकास को बढ़ावा मिलेगा।

प्रधानमंत्री श्री मोदी तथा प्रधानमंत्री श्री कैमरन ने दोनों पक्षों की प्रमुख औद्योगिक हस्तियों द्वारा दिए जा रहे भरत-यूके वित्तीय सहयोग का स्वागत किया। उन्होंने दोनों देशों की वित्तीय सेवाओं के बीच के जुड़ाव को गहरा बनाने के लिए सहयोग प्रस्तावों को लेकर उत्सुकता जताई। दोनों प्रधानमंत्रियों ने एक नए शेवनिंग फाइनेंशियल सर्विसेज कोर्स के निर्माण का स्वागत किया, जिसे स्टैंडर्ड चार्टर्ड ने आयोजित किया, जिसका लक्ष्य यूके में अध्ययन करने की इच्छा रखने वाले मध्य-करियर पेशेवरों को प्रायोजित करना है। उन्होंने दोनों देशों की आर्थिक नीतियों के निर्माण में मदद करने हेतु दोनों देशों की आर्थिक सेवाओं के बीच के पहले विनिमय कार्यक्रम की शुरुआत का भी स्वागत किया।

दोनों प्रधानमंत्रियों ने माना कि आर्थिक विकास में भरत की गहन उपलब्धियों तथा समावेशी विकास न केवल भरत के अपने महत्वाकांक्षी लक्ष्यों तथा उद्देश्यों के लिए अहम है, बल्कि दुनिया के लिए भी एक प्रेरणा है और वैश्विक लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए भी अहम है। उन्होंने माना कि विकास पर भरत तथा यूके वैचारिक लीडर्स हैं और उन्होंने विकास पर अधिकारी स्तर के विकास वार्ता को बढ़ाकर एक द्विवार्षिक मंत्री स्तरीय वार्ता निर्धारित करने के सहमति जताई।

दोनों प्रधानमंत्रियों ने धारणीय विकास के लिए अहम इंफ्रास्ट्रक्चर के महत्व को रेखांकित किया तथा यूके डिपार्टमेंट ऑफ इंटरनेशनल डेवलपमेंट तथा भरतीय स्टेट बैंक के सह-निवेश से भरत के पहले निम्न आय स्टेट इंफ्रास्ट्रक्चर इक्विटी पार्टनरशिप का शुभारंभ किया। इसका लक्ष्य जल तथा स्वच्छ्ता, स्वच्छ ऊर्जा तथा शहरी बुनियादी ढांचों जैसे छोटे इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए हिस्सेदारी सहयोग स्थापित करना है।

प्रधानमंत्री मोदी ने व्यवसय करने की सुगमता में सुधार लाने की दिशा में यूके तथा भरत के सहयोग का उल्लेख किया। उन्होंने कई प्रकार के प्रयासों के साथ व्यापार करने की नई सुगमता की घोषणा की, जो अधिक निवेशों को बढ़ावा देगा।

दोनों प्रधानमंत्रियों ने पुनर्स्थापित भरत-यूके सीईप फोरम की प्रथम बैठक का स्वागत किया। यह फोरम व्यापार तथा निवेश अवसरों तथा चुनौतियों के बारे में दोनों प्रधानमंत्रियों को परामर्श प्रदान करेगा। प्रधानमंत्री श्री कैमरन ने भरत में यूके के निवेशों तथा व्यापार के डीआइपीपी द्वारा नए ट्रैक प्रणाली का स्वागत किया।

दोनों प्रधानमंत्रियों ने दोनों दोनों के पेटेंट, ट्रेडमार्क तथा डिजाइन के कार्यालयों के बीच तकनीकी सहयोग की आवश्यकता का जिक्र किया।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने रेल प्रॉजेक्ट मैनेजमेंट तथा परिचालन में यूके द्वारा किए प्रयास की सराहना की। दोनों देशों ने रेल सेक्टर में तकनीकी सहयोग से जुड़े एमओयू का स्वागत किया और रेल उद्योग के लिए संभावित व्यवसय अवसरों को रेखांकित किया। दोनों ही पक्षों ने अपने संस्थानों को साथ मिलकर कार्य करने के लिए बढ़ावा देने के लिए सहमति जताई, ताकि इंफ्रास्ट्रक्चर वित्तीयन, ज्ञान तथा विशेषज्ञता साझा करने तथा अनुसंधान तथा विकास आदान-प्रदानों को प्रगाढ़ किया जा सके। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने लंदन में भरत सरकार के पहले सरकार समर्थित प्रथम रुपी बॉण्ड की शुरुआत की घोषणा की।

दोनों नेताओं ने भरत में वाहन सेक्टर में नवीनता-आधारित विकास को बढ़ावा देने की अपनी प्रबल इच्छा व्यक्त की। उन्होंने वाहनों के लिए अनुसंधान तथा विकास, परीक्षण व परीक्षण प्रशासन में सहयोग तथा तकनीकी ज्ञान के विनिमय की जरूरत की पहचान की। यूके तथा भरत ज्ञान तथा अनुभव के विकास के लिए इन क्षेत्रों में विशेषज्ञता साझा करने के लिए इच्छुक हैं। यह भरत तथा यूके सरकार के संबद्ध विभागों तथा एजेंसियों के बीच तय एक एमओयू के जरिए होगा।

प्रधानमंत्री श्री कैमरन तथा प्रधानमंत्री मोदी ने नियमों पर आधारित, बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली के महत्व का उल्लेख किया तथा दिसम्बर माह में दोहा डेवलपमेंट एजेंडा के विकास आज्ञापत्र के अनुरूप नैरोबी वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन मिनिस्टीरियल में एक सफल नतीजे को सुनिश्चित करने में मदद करने हेतु साथ मिलकर काम करने के लिए सहमत हैं।

यूके तथा भरत मानते हैं कि भ्रष्टाचार हमारे दौर का सबसे बड़ा दुश्मन है। भ्रष्टाचार से निजात पाने के लिए वैश्विक सहयोग को मजबूत बनाने के लिए दोनों ही पक्ष द्विपक्षीय तथा बहुपक्षीय रूप से जैसे कि युएनसीएसी तथा जी20 के साथ मिलकर काम करेंगे, जिसमें कानून प्रवर्तन एजेंसियां, चुराई गई संपत्तियों की पहचान तथा वापसी के लिए सशक्तीकरण प्रक्रिया तथा सही (या 바카라 사이트लाभकारी바카라 사이트) स्वामित्व तथा कंपनियों के नियंत्रण की बढ़ी हुई पारदर्शिता भी शामिल है।

दोनों ही प्रधानमंत्रियों ने जल्द से जल्द एक ईयू-भरत बीटीआइए के निर्धारण के लिए उनकी प्रतिबद्धता पर जोर डाला। यूके तथा भरत ने इस दिशा में साथ मिलकर काम करने को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जताई है।

मेक इन इंडिया

प्रधानमंत्री श्री कैमरन ने प्रधानमंत्री श्री मोदी के 바카라 사이트मेक इन इंडिया바카라 사이트 प्रयास का स्वागत किया। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने उल्लेख किया कि सहयोग का यह मॉडल भरत के साथ यूके के निवेशों तथा सहयोगों में पहले से ही गहराई से जुड़ा है। दोनों प्रधानमंत्रियों ने रक्षा तकनीकी तथा उद्योग सहयोग को प्रगाढ़ करने के लिए दोनों पक्षों द्वारा किए जाने वाले प्रयासों की सराहना की।

व्यवसय

प्रधानमंत्री श्री कैमरन तथा प्रधानमंत्री श्री मोदी ने यूके तथा भरत के बीच के गहरे तथा लाभदायक व्यवसय संबंधों का जिक्र किया तथा इस यात्रा के दौरान भरत तथा यूके के बीच घोषित £9.2 बिलियन के व्यावसायिक सौदों का स्वागत किया। यूके ने पिछले 15 वर्षों के दौरान भरत में कुल 8.56% का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश किया। यूके स्थित भरतीय कंपनियों में लगभग 110,000 लोग काम करते हैं।

प्रधानमंत्री कैमरन ने भरतीय बाजार को बीमा सेक्टर में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लिए खोलने का जिक्र किया। भरत की विशाल आबादी को बीमा सुरक्षा प्रदान करने के लिए सरकार ने बीमा तथा पेन्शन सेक्टर में एफडीआइ की सीमा को बढ़ाकर 49% कर दी है। इसका नतीजा यह हुआ कि भरत में यूके के बीमा उद्योग के संयुक्त उपक्रम ने देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को बढ़ावा देने के लिए कई समझौतों की घोषणा की है। इन समझौतों से प्रथम दृष्ट्या भरत में लगभग £238 एफडीआइ प्रवाह होगा जो नियामक मंजूरियों के अधीन होगा। इससे भरत के बीमा तथा रीइंश्योरेंस सेक्टरों में मौजूदा विकास को बढ़ावा मिलेगा जो धारणीय आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में एक अहम कारक है।

दोनों प्रधानमंत्रियों ने भरत में HSBC के 바카라 사이트स्किल्स फॉर लाइफ바카라 사이트 प्रयास की सराहना की, जो भरत के 75,000 वंचित युवाओं तथा 5 वर्ष से ऊपर के आयु के बच्चों के लिए £10 मिलियन का एक कौशल विकास कार्यक्रम है।

स्मार्ट शहर तथा शहरी नवीनीकरण

दोनों प्रधानमंत्रियों ने तीन यूके-भरत शहर सहयोग स्थापित किए हैं, जिसमें इंदौर, पुणे तथा अमरावती को शामिल किया गया है, जिसके जरिए तकनीकी सहायता, विशेषज्ञता को साझा कर तथा बिजनेस भागीदारी के जरिए भरत के महत्वाकांक्षी विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में मदद दी जाएगी।

दोनों प्रधानमंत्रियों ने यूके डिपार्टमेंट ऑफ इंटरनेशनल डेवलपमेंट तथा भरत के शहरी विकास मंत्रालय के बीच तकनीकी सहायता सहयोग तथा स्मार्ट तथा धारणीय शहरों के विकास हेतु सरकार द्वारा समर्थित सहयोग के विकास का स्वागत किया, जो समावेशी विकास तथा नौकरी के सृजन के मूल तत्त्व हैं।

दोनों प्रधानमंत्रियों ने स्वस्थ नदी प्रणालियों के लिए एक टेम्स/गंगा सहयोग की शुरुआत की। यह सहयोग गंगा बेसिन में जल संसाधनों के टिकाऊ प्रबंधन को सक्षम बनाने हेतु अनुसंधान तथा आविष्कारी पहल के सहयोगात्मक कार्यक्रम को शामिल करेगा तथा इसके तहत यूके वाटर पार्टनर्शिप द्वारा समर्थित वर्ष 2016 में एक नीति विशेषज्ञ विनिमय संपन्न किया जाएगा।

शिक्षा, कौशल, विज्ञान तथा अनुसंधान

प्रधानमंत्री कैमरन श्री मोदी को 21 सदी के लिए युवा भरतीयों को तैयार करने के लिए मदद प्रदान करने की घोषणा की। नवीन यूके-भरत संकल्प के तहत 11 यूके कंपनियों ने भरत में कौशल विकास में भागीदारी निभाने की प्रतिबद्धता जताई है। यूके सरकार तथा यूके के व्यावसायी समुदाय साथ मिलकर प्रमुख क्षेत्रों में जैसे कि ऑटोमोटिव तथा पुणे में इंजीनियरिंग के क्षेत्र में नवीन 바카라 사이트उत्कृष्टता केंद्र바카라 사이트 स्थापित करेंगे। यूके भरत के कौशल विकास तथा उद्यमिता मंत्रालय को भी कौशल प्रशिक्षण तथा उद्यमिता के नए मॉडलों के विकास में मदद प्रदान करेगा, जो डिजिटल डेलिवरी, महिलाओं, वंचितों तथा विकलांगों पर केंद्रित होगी।

दोनों प्रधानमंत्रियों ने घोषणा की कि वर्ष 2016 शिक्षा, अनुसंधान तथा इनोवेशन में यूके-भरत का वर्ष होगा। यह द्विपक्षीय संबंध की मजबूती को उजागर करेगा, आगामी सहयोग को प्रेरित करेगा, जिसमें कई प्रकार की डिजिटल तकनीकी समर्थित शिक्षा तथा प्रशिक्षण कार्य शामिल होंगे, ताकि दोनों देश शिक्षा, अनुसंधान तथा इनोवेशन के सहयोगी के रूप में वैश्विक परिप्रेक्ष्य में एक नवीन 21वीं सदी के फ्रेमवर्क का निर्माण कर सके।

दोनों प्रधानमंत्रियों ने स्कूल स्तर पर दोनों देशों के बच्चों के लिए अन्य देशों की शिक्षा प्रणाली का अनुभव लेने तथा संस्कृति, परंपराओं व सामाजिक तथा पारिवारिक प्रणालियों की समझ के विकास हेतु एक वर्चुअल पहल की सहमति जताई।

प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि यूके वर्ष 2016 में दिल्ली में आयोजित होने वाले तकनीकी शिखर सम्मेलन में भरत का सहयोगी देश होगा। संयुक्त अनुसंधान सहयोग को और बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध दोनों प्रधानमंत्रियों ने संतोष जाहिर किया कि नियोजित अकादमिक विनिमय से ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी मे रदरफोर्ड ऐप्लेटन लैबोरेटरी स्थित न्यूट्रॉन प्रतिष्ठान के भरतीय वैज्ञानिकों के लिए सुगमता प्राप्त होगी। उन्होंने संयुक्त अनुसंधान, क्षमता निर्माण तथा रूपांतरण के लिए न्यूटन-भाभा फंड की स्थापना का स्वागत किया, और उल्लेख किया कि यूके-भरत के बीच अनुसंधान वर्ष 2008 में £1 मिलियन से बढ़कर आज £200 मिलियन तक जा पहुंचा है। नए उल्लेखनीय निवेशों में शामिल हैं स्वच्छ ऊर्जा में मल्टी-मिलियन पाउंड के यूके-भरत वर्चुअल सेंटर्स, जल सुरक्षा तथा कृषि नाइट्रोजन। दोनों नेताओं ने बाल तथा मातृत्व स्वस्थ्य व पोषण, मानसिक स्वस्थ्य तथा सब्सटांस एब्यूज, शहरीकरण तथा हेरिटेज, भोजन, ऊर्जा तथा पारितंत्र सेवाओं के लिए धारणीय जल संसाधन, भरतीय महानगरों में वायुमंडलीय प्रदूषण तथा मानव स्वस्थ्य तथा कृषि व दक्षिण एशियाई मॉनसून पर यूके-भरत का संयुक्त निरीक्षणात्मक अभियान।

उन्होंने इनोवेट यूके, द डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नॉलॉजी (डीएसटी) तथा ग्लोबल इनोवेशन एंड टेक्नॉलॉजी अलायंस (जीआइटीए) द्वारा सहयोगात्मक औद्योगिक आर एंड डी के तीसरे दौर के आरंभ की घोषणा का स्वागत किया, जिसके तहत क्लीन-टेक एनर्जी, सस्ती स्वस्थ्य सेवा तथा आइसीटी संबद्ध क्लीन-टेक एनर्जी व स्वस्थ्य सेवा के क्षेत्रों में £3.5 मिलियन की राशि उपलब्ध कराई जाएगी।

दोनों प्रधानमंत्रियों ने माना कि जलवायु परिवर्तन तथा कृषि पर इसका प्रभाव दुनिया के सामने एक गंभीर चुनौती है; उन्होंने फसल विज्ञान पर भरत-यूके के बीच एक संयुक्त सहयोग की स्थापना का स्वागत किया, जिसके तहत यूके के सर्वोत्तम विश्वविद्यालय, जैसे कि कैम्ब्रिज, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ ऐग्रिकल्चरल बॉटनी, जॉन इनीज सेंटर, रॉथमास्टेड रिसर्च तथा युनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट ऐंग्लिया साथ मिलकर बायोटेनॉलॉजी एंड बायोलॉजिकल साइंसेज रिसर्च काउंसिल (BBSRC), यूके सरकार तथा भरत सरकार के जैव-प्रौद्योगिकी विभाग के संग सहयोग कर मौलिक वनस्पति विज्ञान के तहत उपज बढ़ाने, रोग तथा सूखा रोधी पौधों के विकास व अनुसंधान को धारणीय कृषि में रूपांतरण की दिशा में काम करेंगे। उन्होंने भरत में संयुक्त इंडो-यूके प्लांट साइंस सेंटर की स्थापना का भी स्वागत किया।

दोनों नेताओं ने यूके की उस योजना का स्वागत किया जिसके तहत ग्लोबल इनीशिएटिव फॉर ऐकैडमिक्स नेटवर्क(GIAN) के एक हिस्से के रूप में दो अकादमिक वर्षों के दौरान 100 शिक्षाविदों को भरत भेजा जाएगा तथा वर्ष 2010 तक जेनरेशन यूके-भरत कार्यक्रम के जरिए 25,000 छात्र भरत आएंगे, जिनमें 1000 यूके इंटर्न टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज में भरत आएंगे। दोनों नेताओं ने यूके इंडिया एजुकेशन एंड रिसर्च इनीशिएटिव के तीसरे चरण का भी स्वागत किया।

दोनों प्रधानमंत्रियों ने यूए तथा भरतीय शिक्षण योग्यताओं को पारस्परिक मान्यता प्रदान करने को लेकर प्रतिबद्धता की सराहना की।

स्वस्थ्य

दोनों प्रधानमंत्रियों ने डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी, रिसर्च काउंसिल, यूके के बीच संयुक्त भरत-यूके वैक्सीन विकास सहयोग को लेकर भी प्रसन्न्ता प्रकट की। डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी रिसर्च काउंसिल के साथ मिलकर कार्य करेगा ताकि एक रणनैतिक समूह का गठन किया जा सके, जो प्रमाण आधार के विकास की कार्यप्रणाली का संधान करेगा, जो नए ड्रगों तथा रोगोपचार के विकास में तेजी लाने के लिए होस्ट-पैथोजन अंतःक्रियाओं के जीनोमिक स्तर पर एंटी-माइक्रोबियल प्रतिरोध से निपटेगा।

दोनों नेताओं ने एंटी-माइक्रोबियल प्रतिरोध (एएमआर) से निपटने की संयुक्त प्रतिबद्धता को रेखांकित किया, और माना कि यह दोनों देशों के लोगों के लिए एक बड़ा स्वस्थ्य तथा आर्थिक खतरा है। दोनों प्रधानमंत्रियों ने माना कि इसके लिए एक वैश्विक पहल की आवश्यकता है ओर उन्होंने 2016 के संयुक्त राष्ट्र महासभा में एंटी-माइक्रोबियल रेसिस्टेंस पर एक उच्च स्तरीय बैठक का समर्थन किया। भरत तथा यूके डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी, भरत सरकार तथा रिसर्च काउंसिल, यूके सरकार के एएमआर प्रयास के एक हिस्से के रूप में वर्ष 2016 में लंदन में आयोजित होने वाले वैश्विक शिखर सम्मेलन में अपनी वैज्ञानिक विशेषज्ञता से मदद करेंगे।

दोनों नेताओं ने दोनों देशों के स्वस्थ्य सेक्टर में सहयोग तथा मौजूदा समझौता ज्ञापन का स्वागत किया जिसमें मेडिकल शिक्षा तथा प्रशिक्षण, यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज, एंटी-माइक्रोबियल रेसिस्टेंस (एएमआर) के विकास, गुणवत्तापूर्ण, सुरक्षित तथा प्रभावकारी ड्रगों के जरिए रोगी की सुरक्षा में सुधार तथा एनआइसीई इंटरनेशनल, यूके तथा भरत में स्वस्थ्य अनुसंधान विभाग के बीच मेडिकल तकनीकी मूल्यांकन शामिल हैं।

दोनों प्रधानमंत्रियों ने स्वस्थ्य तथा संबद्ध क्षेत्रों में अधिक निवेश तथा सहयोग पर जोर डाला। श्री कैमरन ने ऐसे निवेशों को सुगम बनाने के लिए भरत सरकार के स्वस्थ्य तथा परिवार कल्याण विभाग की देख-रेख में एक टास्कफोर्स के गठन की सराहना की। दोनों नेताओं ने किंग कॉलेज हॉस्पिटल एनएचएस फाउंडेशन ट्रस्ट तथा इंडो यूके हेल्थकेयर प्रा. लि के बीच चंडीगढ़ में किंग्स कॉलेज हॉस्पिटल खोलने के लिए संपन्न समझौते का भी स्वागत किया।

दोनों नेताओं ने इस क्षेत्र में अनुसंधान तथा शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग स्थापित करने तथा उसे मजबूती प्रदान करने के लिए भरत सरकार के आयुष मंत्रालय तथा इंटीग्रेटेड मेडिसिन के यूके के एक अग्रणी संस्थान के बीच संपन्न एक समझौता ज्ञापन का जिक्र किया।

संस्कृति

दोनों नेताओं ने यूके-इंडिया ईयर ऑफ कल्चर की घोषणा की, जिसका आयोजन वर्ष 2017 में किया जाएगा जिसके तहत भरतीय स्वतंत्रता की 70वीं वर्षगांठ तथा हमारी गहरी सांस्कृतिक संबंधों का महोत्सव मनाया जाएगा।

दोनों नेताओं ने ब्रिटिश लाइब्रेरी तथा भरत के नेशनल आर्काइव्स में रखी साझी प्राचीन वस्तुओं के डीजिटाइजेशन को बढ़ावा देने के प्रति प्रतिबद्धता जताई।

दोनों प्रधानमंत्रियों ने बार में श्यामजी कृष्ण वर्मा की मृत्युपश्चात पुनर्स्थापना का स्वागत किया और भरतीय स्वतंत्रता आंदोलन में उनके योगदान तथा अगली पीढ़ी के लिए उनकी प्रेरणा का जिक्र किया।

दोनों नेताओं ने भरत के पर्यटन मंत्रालय तथा यूके डिपार्टमेंट फॉर कल्चर, मीडिया एंड स्पोर्ट द्वारा पर्यटन पर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने का स्वागत किया, जिससे दोनों देशों के बीच सुरक्षित तथा धारणीय पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सकेगा।

अपरध

श्री कैमरन तथा श्री मोदी ने उल्लेख किया कि आज के अधिक जटिल तथा आपस में जुड़ी दुनिया में सीमाओं पर के अपरधियों को पकड़ने में सहयोग को बढ़ावा देना दोनों देशों की सुरक्षा तथा रक्षा की गारंटी के लिए आवश्यक होगा। उन्होंने दोनों देशों को हानि पहुंचाने वाले नए साइकोऐक्टिव सब्सटैंसेज के प्रवाह को बाधित करने के लिए तथा आपराधिक रिकॉर्ड के विनिमय का द्वार खोलने के लिए साथ मिलकर काम करने के लिए सहमति जताई, ताकि भरत तथा यूके की कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच गहन सहयोग स्थापित की जा सके।

प्रधानमंत्री कैमरन तथा प्रधानमंत्री मोदी ने आपराधिक मामलों में पारस्परिक कानूनी मदद के क्षेत्र में, खासकर जहां यह आतंकवाद के मामलों से जुड़ा हो, सहयोग बढ़ाने के लिए अपने संकल्प् को दुहराया।

दोनों प्रधानमंत्रियों ने चुराई कलाकृतियों/प्राचीन वस्तुओं की तस्करी से निपटने के लिए सहयोग के महत्व पर जोर डाला।

निष्कर्ष

प्रधानमंत्री मोदी ने गर्मजोशी से स्वागत करने के लिए प्रधानमंत्री कैमरन तथा उनके प्रतिनिधिमंडल को धन्यवाद दिया और श्री कैमरन को 2016 में भरत की यात्रा पर आमंत्रित किया। दोनों नेताओं ने यूके तथा भरत के बीच के सहयोग के लिए इच्छुक दृष्टिकोण पर बल डाला, जो आर्थिक प्रगति, नौकरियां तथा दोनों देशों के लोगों के लिए सुरक्षा सृजित करने में एक अपरिहार्य भूमिका निभाएगा। उन्होंने दोनों देशों तथा विश्व की बेहतरी के लिए ऐसे वर्धित तथा रूपांतरकारी सहयोग स्थापित करने हेतु साथ मिलकर काम करने के प्रति प्रतिबद्धता जताई।

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प्रकाशित 12 नवंबर 2015
पिछली बार अपडेट किया गया 12 नवंबर 2015 show all updates
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