चांसलर एवं विदेश मंत्री का भरत दौरा
इस यात्रा में प्रधान मंत्री श्री मोदी तथा भरतीय बिजनेस नेताओं समेत भरत सरकार के साथ बैठक शामिल हैं।

Indian Prime Minister Narendra Modi at his inauguration. The Chancellor and Foreign Secretary are the first of British ministers to visit India since the new government came to power. (Image by PA)
- यात्रा का आरम्भ एक सूत्रवाक्य से होगा कि 바카라 사이트भरत-ब्रिटेन रिश्तों के अच्छे दिन आ रहे हैं바카라 사이트।
- सरकार के साथ चर्चा कूटनीतिक रिश्तों को और अधिक मजबूत बनाने तथा आर्थिक सुधारों पर सहयोग विकसित करने, विशेषकर बुनियादी ढांचों में निवेश तथा वित्तीय सेवाओं पर चर्चा की जाएगी।
- यात्रा के आरंभ पर चांसलर भरत की प्रमुख वाहन निर्माता कंपनी महिंद्रा तथा दवा कंपनी सिप्ला द्वारा ब्रिटेन में भरतीय आर एंड डी पर निवेश की घोषणा करेंगे ।
- विदेश मंत्री मंत्री में भरतीय छात्रों के लिए छात्रवृत्ति के विस्तार की घोषणा करेंगे ।
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विदेश मंत्री तथा चांसलर आज (सोमवार 7 जुलाई) नई भरतीय सरकार के गठन के बाद भरत की दो दिवसीय यात्रा का प्रारंभ करेंगे।
बिटेन के भरत के साथ 바카라 사이트गहरे तथा भविष्य की संभावनाओं바카라 사이트 वाले रिश्तों को ध्यान में रखते हुए वे कहेंगे, 바카라 사이트भरत-ब्रिटेन के लिए अच्छे दिन आ रहे हैं।바카라 사이트
उनकी यात्रा में प्रधान मंत्री श्री मोदी तथा वित्त एवं विदेश मंत्री के साथ मुलाकात शामिल है। गौरतलब है कि भरत में नई सरकार के गठन के बाद ब्रिटिश मंत्रियों की पहली भरत यात्रा है।
चांसलर तथा विदेश मंत्री इस यात्रा के दौरान नई सरकार के साथ सुधार योजनाओं को बढ़ावा देंगे तथा उन क्षेत्रों पर चर्चा करेंगे जहां दोनों देश एक-दूसरे के फायदों के लिए साथ मिलकर काम कर सकते हैं।
विदेश मंत्री दोनों देशों के बीच के रिश्ते, कूटनीतिक संबंधों तथा विदेश नीति व सुरक्षा सहयोग और साथ ही ब्रिटेन में पढ़ाई के लिए आने वाले भरतीयों की संख्या में वृद्धि करते हुए ब्रिटेन का भरत के साथ उत्कृष्ट शिक्षा संबंधों को और अधिक प्रगाढ़ तथा जोशपूर्ण बनाने पर जोर देंगे।
चांसलर विशेषकर दोनों देशों के बीच के बुनियादी ढांचे में निवेश तथा वित्तीय सेवाओं जैसे क्षेत्रों में आर्थिक सहयोग को मजबूत करने पर अपना ध्यान केंद्रित करेंगे।
भरत के वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली तथा विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज से मुलाकात के अलावा, चांसलर रिजर्व बैंक़ ऑफ इंडिया के गवर्नर श्री रघुराम राजन से मिलेंगे, वहीं विदेश मंत्री महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से मिलेंगे, और दोनों ही भरतीय बिजनेस नेताओं के साथ मुलाकात करेंगे।
मुम्बई में अपनी यात्रा के प्रारंभ पर बिजनेस, शिक्षा तथा सिविल सोसाइटी के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत में विदेश मंत्री कहेंगे:
हमारी सरकार की विदेश नीति का एक मौलिक गुण रहा है कि हमें अगले बीस वर्षों में एशिया, अफ्रिका तथा लेटिन अमेरिकी देशों के साथ नजदीकी संबंध विकसित करने वाले पथ पर अग्रसर होना चाहिए; और यह अतीत से बिल्कुल नया कदम होगा।
हमने अपने वैश्विक राजनयिक नेटवर्क को स्थांतरित किया है, दस नए दूतावास खोले तथा प्रबल भाषा कौशलों वाले सैकड़ों राजनयिकों को दक्षिण एशिया तथा पूर्व की ओर भेजा।
हम ऐसा इसलिए करते हैं क्योंकि हम ब्रिटेन की समृद्धि को अपनी विदेश नीति के केंद्र में रखते हैं तथा दुनिया की अन्य गतिशील अर्थव्यवस्थाओं के साथ अपना रिश्ता मजबूत बनाना चाहते हैं; तथा इसलिए कि हम नए उभरने वाले देशों के समूह के साथ नजदीकी सहयोग के साथ काम करना चाहते हैं, ताकि हम जिन वैश्विक मुद्दों से प्रभावित हैं, उनसे निबटा जा सके।
भरत के साथ हमारे संबंध इसकी गहराई तथा भविष्य की इसकी संभावनाओं को लक्षित करते हैं।
हमारे प्रधान मंत्री ने पिछले वर्ष भरत की अपनी तीसरी यात्रा पर कहा था- यह एक विशेष सहयोग हो सकता है, ऐसा सहयोग जो हमारी गतिशील अर्थव्यवस्थाओं को रोजगार सृजित करने, विकास करने तथा समृद्धि को बढ़ावा देने में मदद करेगा, बल्कि यह उससे भी आगे का मार्ग प्रशस्त करेगा, जो हमारे समाजों के बीच अधिक मजबूत रिश्तों को आकार देगा और विश्व मंच में हमें अधिक सहयोग के साथ काम करने में मदद देगा।
हम इस हफ्ते यहां इसलिए मौजूद हैं, क्योंकि आपकी नई सरकार ठोस परिवर्तन वाले कार्यक्रमों के विजन को साकार करने के लिए नए अवसर सृजन करती है। यह करने के लिए हम तीन क्षेत्रों में अधिक गहरे सहयोग के साथ काम करना चाहते हैं।
पहला, एक प्रमुख सहयोगी बनना चाहते हैं, क्योंकि प्रधानमंत्री श्री मोदी विकास तथा प्रगति की योजनाओं के जरिए सभी भरतीयों को फायदा पहुंचाने का लक्ष्य रखते हैं। हमारी अर्थव्यवस्था को नई दिशा देना का हमारा अपना अनुभव है और हम आपके साथ काम करना चाहते हैं, ताकि आप अपने लक्ष्यों को पूरा कर सकें। [바카라 사이트]
दूसरा, हम अपने शिक्षा संबंधों को मजबूत बनाना चाहते हैं, क्योंकि छात्रों, शोधकर्ताओं, विचारों तथा विशेषज्ञताओं के प्रवाह से हम सभी को अत्यंत लाभ पहुंचता है।
यही कारण है कि ब्रिटेन ने पिछले पांच वर्षों में लगभग 100,000 छात्रों का स्वागत किया; यही कारण है कि वैश्विक विकास चुनौतियों से निपटने के लिए हमने अपने न्यूटन फंड के तहत नए संयुक्त अनुसंधान के लिए £50m का प्रावधान किया है; और इसलिए हमने एक नये कार्यक्रम को लागू किया जिसके तहत अगले पांच वर्षों में 25,000 युवा ब्रिटिशों को भरत में पढ़ने, स्वयंसेवा करने तथा कार्य अनुभव प्राप्त करने के लिए भेजा जा सके।
तीसरा, हम विदेश नीति के क्षेत्र में अधिक गहराई से काम करना चाहते हैं, ताकि हमारी साझी रुचि तथा मूल्यों का विकास हो सके।
पिछले कुछ वर्षों में हमने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा के दौरान भरत के लिए गहराई से काम किया है और हम आगे भी इस निकाय में भरत के लिए एक स्थायी पद के लिए समर्थन करेंगे। हमने अपने आतंकवाद निरोधी सहयोग को मजबूत बनाया है, ताकि उस अभिशाप से निपटा जा सके जिसने 6 वर्ष पहले इस महानगर को अपने भयानक आतंक का शिकार बनाया था जिससे निपटने में आपने काफी दृढ़ता दिखाई थी।
हमने सायबर नीति पर एक बहुमूल्य संवाद आरंभ किया है, जिसे हमें अवश्य मजबूती प्रदान करनी चाहिए।
हम अफगानिस्तान में साथ मिलकर महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं, ताकि वहां शांति और समृद्धि लाई जा सके: इसके तहत ब्रिटेन ने अफगानी सुरक्षा बलों को सशक्त बनाने में भूमिका अदा की, तो वहीं भरत ने सघन क्षेत्रीय व्यपर में मदद की।
निस्संदेह विदेश नीति में हमारी परंपराएं तथा दृष्टिकोण भिन्न हैं, जिनका हम सम्मान करते हैं और उन्हें महत्व देते हैं। किंतु मुझे पूरा भरोसा है कि आने वाले समय में भरत तथा ब्रिटेन न केवल इस क्षेत्र में अपनी साझी रुचियों के लिए, बल्कि हमें प्रभावित करने वाले वैश्विक समस्याओं से निपटने के लिए भी कहीं अधिक सहयोग प्रदर्शित कर सकते और करना भी चाहिए ।[바카라 사이트]
मैं मानता हूं कि आने वाले वर्षों में भरत की ठोस परिवर्तन योजना को बढ़ावा देने के लिए तथा हमारी पारस्परिक समृद्धि व सुरक्षा को लाभांवित करने के लिए हर क्षेत्र में हमारे साथ मिलकर अधिक काम करने के लिए संभावनाएं मौजूद हैं।
हमारे संबंध इतने व्यापक और गहरे हैं कि यह पता नहीं लगता कि कब इसमें बदलाव हुआ, पर मेरा मानना है कि पिछले पांच वर्षों में हमने हमारे सहयोग को एक नई दिशा दी है। मुझे उम्मीद है कि आने वाले समय में हम इसकी पूर्ण संभावनाओं का इस्तेमाल कर सकते हैं।
चांसलर कहेंगे:
ऐसे दौर में जब भरतीय अर्थववस्था के बारे में रोमांच का वातावरण है तथा भविष्य के विकास को लेकर एक आशा की लहर छाई हुई है, ऐसे में यहां होना बड़ा अच्छा एहसास देता है। और यहां कितना रोमांचक माहौल है इसका पता विदेशों में बैठे अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों द्वारा भरतीय अर्थव्यवस्था में निवेश करने को लेकर पैदा हुए नए आत्मविश्वास से चलता है।
यह प्रधानमंत्री श्री मोदी की नई सरकार की महात्वाकांक्षा, अभियान तथा कदम का एक पैमाना है कि भरतीय अर्थव्यवस्था के बारे में पूर्ण रूप से बदला हुआ यह माहौल चुनाव में मिली जीत के महज 7 हफ्तों में ही हासिल कर लिया गया है।
अब जैसा कि हमने 4 वर्ष पूर्व सीखा था जब हमने ब्रिटिश अर्थव्यवस्था को लेकर लोगों के मनोभाव में परिवर्तन लाया था, तो उस आशा को एक केंद्रित सुधार प्रोग्राम में परिवर्तित करने की चुनौती पैदा हुई।
हमने यह ब्रिटेन में किया और अब ब्रिटेन दुनिया की सबसे तेज गति से विकास करने वाली अर्थव्यवस्था से लाभ प्राप्त कर रहा है, घाटे को कम कर आधे पर लाया चुका है तथा एक रिकॉर्ड संख्या में ब्रिटिश नागरिकों को रोजगार मिला।
आपके बजट को बस थोड़े दिन बचे हैं और उम्मीदें काफी हैं।
मुझे पूरा भरोसा है कि अरुण जेटली तथा पूरी सरकार उन अपेक्षाओं को पूरा करेगी और सफल रहेगी।
सुधारकों की सशक्त टीम को भी मेरा संदेश यही है जो आज मैंने आपको दिया।
प्रधानमंत्री मोदी के एक जुमले पर बात करें: तो भरतीय-ब्रिटेन के रिश्तों के अच्छे दिन आने वाले हैं।
अच्छे दिन उस निवेश के लिए आएंगे जो हमने एक-दूसरे की अर्थव्यवस्था में किए हैं।
अच्छे दिन उस व्यपर के लिए आ रहे हैं, जो हम दो देशों के बीच करते हैं।
वित्तीय सहयोग के लिए अच्छे दिन आ रहे हैं, जिसका इस्तेमाल हम भविष्य के ढांचे का निर्माण के लिए कर सकते हैं।
अच्छे दिन आ रहे हैं। [바카라 사이트]
जबसे मैं यहां चांसलर की हैसियत से आ रहा हूं, हमारे दोनों देशों के बीच के व्यपर में 50% का इजाफा हुआ है।
यूके की कंपनियां भरत के कुछ बड़े निवेशकों में शामिल हैं।
और वहां भरतीय कंपनियां संपूर्ण युरोपीय यूनियन से कहीं अधिक निवेश करती हैं।
इसकी प्रेरणा व्यावसायिक लोगों, बड़े बहुराष्ट्रीय फर्मों के मैनेजरों से लेकर, छोटी से छोटी कंपनियों के मालिकों की पटुता तथा उनके उपक्रमों से मिली है, जिनके पास चुनौतीपूर्ण पहला कदम उठाने और निर्यात आरंभ करने का साहस है।
और इस कार्य में ब्रिटिश सरकार की जोरदार प्रयास से काफी मदद मिली है।
दीर्घकालिक आर्थिक योजना के केंद्र में हमारा दृढ़-संकल्प है कि न केवल ब्रिटेन अपने इस मायने के साथ, सार्वजनिक वित्त को नियंत्रण और संतुलन में लाने के लिए कड़े फैसलों के साथ आगे बढ़ेगा, बल्कि हम चीजों के निर्माण कर और सेवाओं को दुनिया भर के खरीददारों को प्रदान कर उन जरियों का विस्तार भी करेंगे।
हमारे आयातों के बढ़ाने, निवेश में इजाफा करने तथा हमारी अर्थव्यवस्था को संतुलित करके का काम हमने अभी पूरा नहीं किया है।
हमें और काम करने हैं। हमें भरत के साथ मिलकर और कार्य संपन्न करने हैं।
8 वर्ष पहले जब श्री डेविड कैमरून विपक्ष के नेता के रूप में यहां आए थे, तब से और वर्ष 2010 में जब भरत का अपना पहला बड़ा विदेश दौरा संपन्न किया और फिर आज, जब किसी ब्रिटिश चांसलर तथा ब्रिटिश विदेश मंत्री का भरत की नई सरकार के गठन के बाद यहां का प्रथम संयुक्त दौरा किया जा रहा है, हमने हमारी विदेश तथा आर्थिक नीतिओं के मुख्य क्षेत्र में ब्रिटेन तथा भरत के बीच के रिश्ते को मजबूत किया है।
और मेरा मानना है कि ब्रिटेन के साथ मजबूत संबंध से भरत सरकार की नई आर्थिक नीति को पूरा करने में मदद मिलेगी।
प्रधानमंत्री श्री मोदी भरतीय अर्थव्यवस्था में अधिक से अधिक निवेश के लिए इच्छुक हैं और मैं यह मौका ब्रिटिश कंपनियों को देना चाहता हूं और चाहता हूं कि ब्रिटिश सरकार इसका समर्थन करे।
संयुक्त भाषण से पहले चांसलर मुम्बई में अग्रणी वाहन निर्माता महिंद्रा के मुख्य स्थल का दौरा करेंगे जहां वे आने वाले समय में महिंद्रा द्वारा ब्रिटेन में अपने इलेक्ट्रिक वाहनों के अनुसंधान तथा विकास हेतु किए जाने वाले निवेश की घोषणा करेंगे।
वे अपने फॉर्मूला ई-रेसिंग टीम को बढ़ावा देने के लिए फर्नहम तथा डोहिंगटन के नए अत्याधुनिक संयंत्रों में £20 मिलियन का निवेश करेंगे। गौरतलब है कि फॉमूला ई-रेसिंग नई रेसिंग प्रतियोगिता है, जो इलेट्रिकल वाहन बाजार के आविष्कारी पहलों पर आधारित है। विकसित की जाने वाली तकनीकी का इस्तेमाल महिंद्रा के उपभोक्ता इलेक्ट्रिक वाहन कार्यक्रमों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
वे भरतीय दवा कंपनी द्वारा यूके में किए जाने वाले £100 मिलियन के निवेश की भी घोषणा करेंगे।
इस निवेश से सिप्ला के ब्रिटेन में तथा अंतर्राष्ट्रीय विस्तार के अगले कदम के रूप में श्वसन, कैंसर विज्ञान तथा एंटीरिट्रोवायरल दवाओं तथा साथ ही अनुसंधान तथा विकास व क्लिनिकल परीक्षणों के क्षेत्र में कई प्रकार की दवाइयों के लॉन्च को आर्थिक मदद मिलेगी।
सिप्ला भरत की एक अग्रणी दवा निर्माता फर्म है और इस फैसले से यूके की अंतर्राष्ट्रीय शक्ति तथा इस क्षेत्र में उसके प्रति लगाव तथा सिप्ला की दीर्घकालिक रणनीति में बढ़ती दिलचस्पी का भी पता चलता है।
दोनों ही निवेश ब्रिटेन को अत्याधुनिक अनुसंधान तथा विकास के लिए एक केंद्र के रूप में मिली लोकप्रियता को रेखांकित करते हैं तथा ये ब्रिटेन तथा भरत के बीच के आधुनिक आर्थिक संबंधों के उदाहरण हैं जहां उनकी यात्रा के जरिए इन्हें बढ़ावा दिया जा रहा है।
विदेश मंत्री भरत के सर्वाधिक प्रतिभाशाली छात्रों के लिए अधिक उदार ब्रिटिश सहायता की भी घोषणा करेंगे, जिसके तहत अगले दो वर्षों में भरतीय शेवनिंग स्कॉलरों के लिए यूके द्वारा दी जाने वाली सहायता राशि को चौगुना किया जाएगा और ब्रिटेन में बढ़ने वाले भरतीय छात्रों को बढ़ावा देने के लिए 500 ग्रेट अवार्ड्स की मंजूरी दी जाएगी। इससे भरत शेवनिंग छात्रवृत्ति पाने वाला दुनिया का सबसे बड़ा देश बन जाएगा।
विदेश मंत्री तथा चांसलर की यात्रा के दौरान सरकारी नीतियों के मंत्री श्री ओलिवर लेटविन, केबिनेट ऑफिस मंत्री श्री जो जॉन्सन, ऊर्जा तथा जलवायु परिवर्तन के राज्य मंत्री श्री ग्रेग बार्कर तथा प्रधान मंत्री के भरतीय मूल के समुदाओं की प्रमुख प्रीति पटेल भी मौजूद रहेंगी।
व्यपर
Q1 2010 से यूके का भरत को किए जाने वाले निर्यात में आधे की वृद्धि हुई है तथा भरत से ब्रिटेन को वस्तुओं के निर्यात में एक तिहाई की वृद्धि हुई है।
वर्ष 2013 में ब्रिटेन ने भरत को £7.7 बिलियन के समतुल्य मालों तथा सेवाओं का निर्यात किया तथा भरत से £8.8 बिलियन मालों तथा सेवाओं का आयात किया।
वर्ष 2013 में भरत में यूके से किए जाने वाले निर्यात में एक वर्ष में 13% का इजाफा हुआ और यूके अपने लक्ष्य हासिल करने के पथ पर अग्रसर है।
भरत में ब्रिटेन की कंपनियों का निवेश
ब्रिटेन भरत में तीसरा सबसे बड़ा निवेशक (सिंगापुर तथा मॉरिशस के बाद) है तथा इसने 2013 से 2014 के बीच $3.2 बिलियन का निवेश किया गया।
वर्ष 2012 में ब्रिटेन के व्यवसाय से भरत में £1.4 बिलियन की प्राप्ति हुई।
यूके में भरतीय कंपनियों का निवेश
ब्रिटेन में भरत का समूचे यूरोपियन यूनियन में किए जाने वाले निवेश से कहीं अधिक निवेश है।
वर्ष 2012 में भरतीय बिजनेस से ब्रिटेन में £225 मिलियन की प्राप्ति की।
ग्रांड थॉर्टन द्वारा किए एक अनुसंधान में पाया गया कि ब्रिटेन में भरतीय स्वमित्व वाले करीब 700 व्यवसाय हैं, जिनमें 100,000 ब्रिटिश काम करते हैं।
भरत की तीव्र विकास वाली शीर्ष 41 कंपनियों ने ब्रिटेन में £19 बिलियन का कारोबार किया।
महिंद्रा तथा सिप्ला
महिंद्रा एक बहुराष्ट्रीय कंपनी है जिसके दुनिया भर के 100 देशों में फैले कारोबार में 180,000 कर्मचारी काम करते हैं।
इस कंपनी की स्थापना वर्ष 1945 में एक स्टील ट्रेडिंग कंपनी के रूप में हुई थी, पर इसने वाहन निर्माण, अंतरिक्ष विज्ञान, वित्त, बीमा तथा आइटी जैसे विभिन्न क्षेत्रों में अपना विस्तार किया। ब्रिटेन में उनकी एक टेलीकॉम कंपनी है, जिसके मिल्टन केनीज तथा बेलफास्ट में लगभग 1,000 स्टाफ काम करते हैं तथा वेस्ट मिडलैंड में स्थित एक निर्माण व्यवसाय स्थित है।
सिप्ला एक भरतीय दवा निर्माता कंपनी है, जिसका टर्नओवर $1.5 बिलियन है और इसके 170 देशों में फैले कारोबार में 26,000 कर्मचारी काम करते हैं। इस कंपनी के 34 निर्माण संयंत्र हैं, जिनमें 65 थेराप्युटिक वर्ग के लगभग 2,000 उत्पादों का निर्माण किया जाता है।
शेवनिंग स्कॉलरशिप कोष में चौगुने की वृधि
शेवनिंग स्कॉलरशिप ब्रिटेन सरकार का वैश्विक छात्रवृत्ति कार्यक्राम है।
एफसीओ तथा सहयोगी संगठनों द्वारा वित्तीय सहायता प्रदत्त यह कार्यक्रम दुनिया भर से नेतृत्व क्षमता वाले उत्कृष्ट विद्वानों को यूके के विश्वविद्यालयों में अध्ययन करने के लिए अवार्डों का प्रावधान करता है।
2014 से 2015 के बीच इसकी आर्थिक सहायता राशि में £1 मिलियन का इजाफा किया गया, जो पहले £600,000 था और अब यह £1.6 मिलियन तक जा पहुंचा है। फिर 2015 से 2016 में £800,000 का इजाफा किया जाएगा, जो भरत के शेवनिंग बजट को वर्तमान से चौगुने स्तर पर पहुंचाएगा, यानी यह कुल £2.4 मिलियन के आंकड़े पर जा पहुंचेगा और लगभग 150 भरतीय विद्वानों को एक विश्वस्तरीय शिक्षा प्रदान की जाएगी।
इन कार्यक्रमों में एक वर्षीय तथा अल्प अवधि वाले पाठ्यक्रम शामिल होंगे, जिनमें एक वर्षीय मास्टर्स वाला भी एक पाठ्यक्रम होगा, जिसकी लागत £20,000 होगी।
500 भरतीय छात्रों के लिए ग्रेट एजुकेशन अवार्ड्स
वर्ष 2015 में ब्रिटिश सरकार ब्रिटेन में पढ़ने वाले 500 भरतीय छात्रों को ग्रेट अवार्ड्स से सम्मानित कर उनको बढ़ावा देगी।
ग्रेट स्कॉलरशिप इंडिया एक संयुक्त कार्यक्रम है जिसके लिए ग्रेट फंड्स से आंशिक रूप से तथा आंशिक रूप से यूके हायर एजुकेशन इंस्टिट्यूशन (एचईआइएस) द्वारा वित्त प्रदान किया जाएगा। यूके विश्वविद्यालयों के हर £2 कार्यक्रम के लिए ग्रेट एजुकेशन कैम्पेन £1 की मदद करेगा।
ये अवार्ड्स £750 से £15,000 के समतुल्य होंगे; औसत अवार्ड £3,000 तथा £5,000 के बीच की राशि का है। छात्रवृत्ति अंतरस्नातक तथा उत्तरस्नातक स्तर पर प्रदान किए जाएंगे; यदि छात्र अंतरस्नातक स्तर के होंगे तो ग्रेट फंडिंग केवल प्रथम वर्ष के अध्ययन के लिए प्रदान किया जाएगा।
आंशिक-वित्तीय सहायता वाली छात्रवृत्ति के 370 की पेशकश करने के लिए ब्रिटिश काउंसिल पूरे ब्रिटेन के 36 विश्वविद्यालयों के साथ काम कर चुका है, जो 270 अंतरस्नातकों तथा उत्तरस्नातकों पाठ्यक्रमों के लिए £1 मिलियन का आंकड़ा है। इस पाठक्रमों में शामिल हैं इंजीनियरिंग, कानून तथा बिजनेस से लेकर कला तथा डिजाइन तथा जीवविज्ञान।
पार्लियामेंट स्क्वेयर में गांधी की नई प्रतिमा

Foreign Secretary and Chancellor at the Gandhi Smriti in Delhi
विदेश मंत्री तथा चांसलर ने महात्मा गांधी की एक प्रतिमा के निर्माण योजना की घोषणा की है। गौरतलब है कि गांधी दुनिया भर में अहिंसक जन-अधिकार आंदोलनों के लिए प्रेरणास्रोत रहे हैं, उनकी यह प्रतिमा पार्लियामेंट स्क्वेयर में स्थापित की जाएगी।
अहमदाबाद में नया उप-उच्चायोग

Foreign Secretary meets with Sushma Swaraj
अहमदाबाद में स्थित ब्रिटेन के व्यपर ऑफिस का विस्तार कर इसे एक नया उप-उच्चायोग बनाया जाएगा, जिससे गुजरात राज्य में व्यपर तथा निवेश अवसरों के साथ ब्रिटिश व्यवसायों को नए तथा उन्नत रिश्ते मिलेंगे।
भरत की विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज ने आज सुबह दिल्ली के हैदराबाद हाउस में विदेश मंत्री श्री विलियम हेग के साथ अपनी मुलाकात में इस खबर की पुष्टि की।
अहमदाबाद गुजरात की राजधानी है, जो भरत का एक तेजी से विकास करने तथा सर्वाधिक समृद्ध राज्यों में है, साथ ही यह प्रधानमंत्री श्री मोदी का गृह राज्य भी है। यह ऐसा राज्य है जिसका विदेशों में बसे भरतीय समुदायों के साथ गहन संबंध है, जिनमें से लगभग एक तिहाई लोग गुजराती मूल के हैं।
भरत पहले ही ब्रिटेन के साथ दुनिया का सर्वाधिक बड़े राजनयिक नेटवर्क का संचालन करता रहा है। जब नया उप-उच्चायोग खोला जाएगा तब भरत में इसकी कुल संख्या सात हो जाएगी, जिनमें मुम्बई, चंडीगढ़, हैदराबाद, कोलकाता, बेंगलूरु तथा चेन्नई है, तथा इसके अलावा नई दिल्ली में उच्चायोग स्थित है।
चांसलर ने ब्रिटिश निर्यातकों के लिए £1 बिलियन क्रेडिट लाइन की घोषणा की
भरत की अपनी इस यात्रा के समापन दिवस पर विदेश मंत्री के साथ चांसलर ने भरत में काम करने वाली ब्रिटिश कंपनियों को निर्यात वित्तीय सहायता में एक बड़े विस्तार की घोषणा की।
इस घोषणा के बाद उन्होंने भरतीय प्रधानमंत्री श्री मोदी के साथ मुलाकात की तथा आर्थिक तथा वित्तीय विषयों पर भरतीय वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली के साथ वार्ता की।
निर्यात के लिए यह नई मदद भरतीय बुनियादी ढांचों में निवेश के लिए £1 बिलियन क्रेडिट लाइन के रूप में सामने आएगी, जो किसी एक देश के एक सेक्टर को दी जाने वाली सबसे बड़ी सहायता है तथा रुपया आधारित निर्यात से जुड़े ऋण की गारंटी सुनिश्चित करने की दिशा में प्रदर्शित प्रतिबद्धता है।
इन नए कदमों से भरत को अपने बुनियादी ढांचों की प्राथमिकताओं में निजी निवेश अर्जित करने में मदद मिलेगी तथा ब्रिटिश कंपनियों को इस दिशा में कार्य करने के लिए बढ़ावा मिलेगा।
ये कदम चांसलर द्वारा बजट पर की गई घोषणा पर आधारित है, जिसके तहत निर्यात सहायता के लिए ब्रिटेन को वैश्विक समुदाय में सबसे ऊपर रखा जाएगा। आज के नए आंकड़े £2 बिलियन के अहम निर्यात अनुबंध की योजना को दर्शाते हैं, जिसे सुधारों की घोषणा के दो महीने में ही चिह्नित कर लिया गया है।
चांसलर तथा उनके समकक्ष अधिकारियों के साथ के साथ आज हुई वार्ता में निवेश तथा बुनियादी ढांचे में साथ काम करने की प्राथमिकता पर सहमति जताई गई।
विदेश मंत्री ने भरतीय वित्त मंत्री तथा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के साथ व्यापक विषयों पर चर्चा की।